मंडी और कांगड़ा जिले की सीमा पर स्थित केयू हाइड्रो जल विद्युत परियोजना लंबाडग के टनल और पैन स्टॉक के जंक्शन में हुए पानी के भारी रिसाव के कारण लोगों में भारी गुस्सा है। लोगों का आरोप है कि करीब एक साल पहले यहां रिसाव की शिकायत की गई थी, लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं हुई।
मंडी और कांगड़ा जिले की सीमा पर स्थित केयू हाइड्रो जल विद्युत परियोजना लंबाडग के टनल और पैन स्टॉक के जंक्शन में हुए पानी के भारी रिसाव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि करीब एक साल पहले यहां रिसाव की शिकायत की गई थी, लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं हुई।
मनोज, चंद्रेश और अन्य ने आरोप लगाया है कि परियोजना में धड़ल्ले से बिजली उत्पादन चल रहा था। कंपनी प्रबंधन ने दावा किया था कि अब रिसाव नहीं होगा, लेकिन रिसाव होता रहा। इसकी किसी ने सुध नहीं ली और हालात अब सबके सामने हैं। ग्रामीणों ने दोटूक कहा है कि इस परियोजना को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए। जिस तरह लगातार भारी पानी आ रहा है, वह रात को जागने पर मजबूर करेगा।
आठ घंटे बाद पहुंचे प्रशासन और चार घंटे बाद पहुंचे कंपनी के अधिकारी
इधर, घटना के आठ घंटे बाद प्रशासन और करीब चार घंटे बाद कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीपीएस किशोरी लाल के मौके पर पहुंचने के बाद लोक निर्माण विभाग की एक जेसीबी मौके पर पहुंची। जबकि ग्रामीणों ने खुद ही बाजार और गांव को सुरक्षित करने के लिए पानी और मलबे का रुख बदलकर लंबाडग नदी की तरफ मोड़ा। प्रशासन चुनावी बैठकों में ही व्यस्त रहा। 150 से अधिक परिवार और कारोबारी इस दौरान दहशत में रहे। स्थानीय स्तर पर तहसीलदार छुट्टी पर होने के चलते केवल पटवारी ही मौजूद रहे।
शाम करीब चार बजे एसडीएम मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि प्रशासन और सरकार से मुआवजा नहीं मिल पाता है। ऐसे में कंपनी की मुआवजा के लिए जिम्मेदारी तय की जाए। इसके बाद ग्रामीणों ने बेलचा हाथ में लेकर मलबा हटाया। हालांकि पहाड़ी से मुल्थान बाजार की तरफ को आ रहा पानी लगातार आना जारी रहा, लेकिन बाजार में मलबे को हटाकर कुछ हद तक पानी को आगे जाने तक लोगों ने रोक दिया। इस कार्य में जेसीबी भी लगी रही और भारी मात्रा में आ रहे पानी के रुख को दूसरी तरफ किया। उधर, एसडीएम बैजनाथ देवी चंद ने बताया कि चुनाव को लेकर बैठक होने के चलते उन्हें मौके पर पहुंचने पर देरी हुई है। घटना में हुए नुकसान समेत अन्य पहलुओं को लेकर जांच की जा रही है।विज्ञापन
कंपनी का दावा, रेजरवायर करवाया खाली
लंबाडग नदी का पानी छेरना नामक जगह में रोका गया है और यहां रेजरवायर है। कंपनी प्रबंधन का दावा है कि घटना का पता चलते ही रेजरवायर तुरंत खाली करवाया गया। जबकि टनल की तरफ छोड़े जाने वाले पानी के दोनों गेट बंद कर दिए थे। ताकि पानी टनल में आगे न जाए। परियोजना अधिकारी देवी सिंह चौहान ने बताया कि प्रबंधन सभी चीजों को मॉनिटर कर रहा है। अभी साइट विजिट नहीं हो पाया है। टनल के अंदर का पानी ही पहाड़ी से बाजार की तरफ जा रहा है। यह खत्म हो जाएगा और पानी नहीं आएगा।