लाहौल से स्पीति पहुंचने के लिए प्रत्याशियों को अटल टनल रोहतांग होकर कुल्लू, जलोड़ी जोत, आनी, रामपुर, नाको, मलिंग टॉप और ताबो होते हुए काजा पहुंचना पड़ रहा है।
लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को वोट मांगने के लिए लाहौल-स्पीति जिले में 800 किमी का लंबा सफर करना पड़ रहा है। 15 हजार फुट ऊंचा कुंजम दर्रा अभी बर्फ से ढका है, ऐसे में लाहौल और स्पीति घाटियां एक-दूसरे से अलग-थलग हैं। लाहौल से स्पीति पहुंचने के लिए प्रत्याशियों को अटल टनल रोहतांग होकर कुल्लू, जलोड़ी जोत, आनी, रामपुर, नाको, मलिंग टॉप और ताबो होते हुए काजा पहुंचना पड़ रहा है। प्रत्याशियों के पास वोट मांगने के लिए अभी 21 दिन बचे हैं, मगर बर्फ के पहाड़ से स्पीति घाटी जिला मुख्यालय से कटी है।
हालांकि बीआरओ दर्रा को बहाल करने में जुटा है। अभी इसे खुलने में समय लगेगा। प्रत्याशियों को लाहौल और स्पीति आने-जाने को कुल्लू और किन्नौर दो जिले पार कर एक तरफा ही तकरीबन 800 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है। उतना ही समय स्पीति के काजा से जिला मुख्यालय केलांग पहुंचने में लग रहा है। क्षेत्रफल के लिहाज से लाहौल-स्पीति हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है। मंडी देश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला संसदीय क्षेत्र है। कुंजम दर्रा बहाल न होने तक लोकसभा और विस उपचुनाव के प्रत्याशियों को खूब पसीना बहाना होगा।
53 किमी क्षेत्र में बर्फ साफ करने का कार्य शेष
लाहौल-स्पीति एक ही जिला है और बीच में आने वाला कुंजम दर्रा इसको अलग-अलग करता है। कुुंजम के रास्ते लाहौल और स्पीति एक दूसरे से जुड़ने में 53 किमी में बर्फ साफ करने का कार्य शेष है। इस बार की सर्दी में बर्फबारी भी अधिक हुई है और दोनों छोर से बर्फ हटाने में जुटे बीआरओ के जवानों को बर्फ में खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। छह जिलों में फैले मंडी लोकसभा क्षेत्र में 15 हजार फीट ऊंचा कुंजम दर्रा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, भरमौर का क्षेत्र भी आता है।विज्ञापन
25 मई तक ग्रांफू-काजा सड़क खोलने का लक्ष्य
किन्नौर से भरमौर की दूरी 646 किलोमीटर है। खासकर मंडी लोकसभा सीट के उम्मीदवारों को वोटरों तक पहुंचने के लिए खूब भाग दौड़ करनी होगी। कुंजम दर्रा को बहाल करने के लिए स्पीति छोर से जवान वीरवार को कुंजम दर्रा पहुंच चुके थे। जबकि लाहौल छोर से सीमा सड़क संगठन 94 आरसीसी के जवान ग्रांफू से सात किमी आगे डोहरनी मोड़ में बर्फ से जंग लड़ रहे हैं। सीमा सड़क संगठन 94 आरसीसी के सहायक अभियंता बीडी धीमान ने बताया कि 25 मई तक ग्रांफू-काजा सड़क बहाली का लक्ष्य रखा है।