लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन विभाग ने सात मई तय की थी जमा करवाने की डेडलाइन
विशेष संवाददाता-शिमला
हिमाचल में 90 फीसदी से ज्यादा हथियार थानों में जमा हो गए हैं और बाकी बचे दस फीसदी हथियारों को लेकर अब नोटिस जारी करने की तैयारी है। निर्वाचन विभाग ने सात मई तक हथियार जमा करवाने की डेडलाइन तय की थी और इस अवधि के गुजर जाने के बावजूद 100 फीसदी लोगों ने अपने लाइसेंसी हथियार थानों तक नहीं पहुंचाए हैं। अब हथियार मालिकों के खिलाफ संबंधित क्षेत्र की पुलिस अभियान चला सकती है, जो लाइसेंसी हथियार थानों में नहीं पहुंचे हैं उन्हें जब्त किया जा सकता है।
गौरतलब है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से ही निर्वाचन विभाग ने समूचे प्रदेश में लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा करने के निर्देश दे दिए थे। इसके बाद निर्वाचन विभाग ने हथियार जमा करवाने के लिए सात मई तक डेडलाइन तय कर दी। प्रदेश में एक लाख 403 लाइसेंसी हथियार हैं और अब तक 90 हजार से ज्यादा हथियार अलग-अलग थानों में जमा करवा दिए गए हैं। निर्वाचन विभाग ने तय किया है कि किसी भी सूरत में एक भी हथियार लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के दौरान बाहर नहीं रहेगा।
हथियार जमा करवाने में कांगड़ा-शिमला जिला आगे
प्रदेश में पहली जून को मतदान होना है और देश भर में परिणाम आने के बाद आदर्श आचार संहिता खत्म होगी। थानों में जमा होने वाले हथियार आदर्श आचार संहिता हटने के बाद ही उसके मालिकों को वापस किए जाएंगे। प्रदेश में इन दिनों नामांकन का दौर शुरू हो चुका है और इसके बाद प्रत्याशियों को प्रचार पर निकलना है। ऐसे में सभी हथियार थानों न पहुंचना चिंता बढ़ाने का काम भी कर रहा है। हथियार जमा करवाने के मामलों में कांगड़ा और शिमला सबसे आगे हैं। प्रदेश में ज्यादातर हिस्सों में हथियारें के लाइसेंस किसानों और बागबानों के पास है।
हथियार जमा न करवाने वालों को नोटिस
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने बताया कि हथियारों को जमा करवाने के मामलों में तेजी आई है। यहा आंकड़ा 90 फीसदी से अधिक हो चुका है। शत-प्रतिशत हथियार जमा करवाने के लिए पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिन थानों के अधीन हथियार जमा नहीं हुए हैं वहां अब हथियार के मालिकों को नोटिस भेजकर हथियार जमा करवाए जाएंगे।