हिमाचल में पिछले 4 वर्ष में पासपोर्ट आवेदकों की संख्या चार गुना बढ़ी है। इसमें ज्यादा संख्या 18 से 40 आयु वर्ग के युवाओं की है।
उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए हिमाचल प्रदेश के युवाओं में भी विदेश जाने का क्रेज साल दर साल बढ़ता जा रहा है। हिमाचल में पिछले 4 वर्ष में पासपोर्ट आवेदकों की संख्या चार गुना बढ़ी है। इसमें ज्यादा संख्या 18 से 40 आयु वर्ग के युवाओं की है। इसमें प्रबंधन कोर्स, कंप्यूटर और अन्य तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं की विदेश में जाकर पढ़ाई करने और नौकरी पाने की रुचि बढ़ती जा रही है। पर्यटन के नाम पर विदेश जाने वालों की तादाद सबसे कम है।
आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में 2020 से 2024 तक 2.65 लाख लोगों के पासपोर्ट बने हैं। इनमें कोरोना काल में 2020-21 में 24,619, 2021-22 में 44,223, 2022-23 में 92,170 पासपोर्ट जारी हुए थे, जो इस साल बढ़कर 1,04,241 हो गए हैं। यानी पिछले चार वर्षों में चार गुना पासपोर्ट बढ़ गए हैं। उधर, 2022-23 वित्तीय वर्ष के मुकाबले 2023-24 में 12 हजार से ज्यादा आवेदक बढ़ गए हैं।
पिछले चार सालों के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल से विदेश को जाने वाले युवाओं की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है। इसमें 0 से 18 आयु वर्ग के 36,438 और 18 से 40 आयु वर्ग के 1,76,077 युवाओं के पासपोर्ट जारी किए गए हैं। इसके अलावा 40 से 60 आयु वर्ग के 40, 944 और 60 से 80 आयु वर्ग के 11,794 लोगों के पासपोर्ट बने है। इन आंकड़ों के मुताबिक आवेदकों में ज्यादातर वह युवा हैं, जो विदेश में उच्च शिक्षा और नौकरी करने के लिए जाते हैं। सैर-सपाटे के लिए विदेश जाने वालों की तादाद चार से पांच प्रतिशत के बीच है। हिमाचल के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी वरुण कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यालय में हर महीने पासपोर्ट के लिए करीब 9 हजार आवेदन आ रहे हैं। हर दिन औसतन चार सौ ज्यादा पासपोर्ट जारी हो रहे हैं।
हर माह विदेश जा रहे 90 से 100 लोग
शिमला में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से प्रदेश के 7 जिले संबद्ध हैं। इनमें शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, पालमपुर और ऊना जिला में पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं। पासपोर्ट जारी करने की ऑनलाइन प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है। ऑनलाइन के चलते पुलिस वेरिफिकेशन भी 24 घंटे के भीतर हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक हर दिन चार से पांच सौ पासपोर्ट की रिपोर्ट को निपटाया जा रहा है।
हर महीने 90 से 100 लोग विदेश भी जा रहे हैं। उच्च शिक्षा के लिए युवा वर्ग की पहली पसंद रूस, चीन और आस्ट्रेलिया है। हालांकि इंग्लैंड और जर्मनी जाने वालों की भी कमी नहीं है। पासपोर्ट कार्यालय के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं। उधर, सिंगापुर, बैंकाॅक, हांगकांग, थाईलैंड कम बजट वाले सैलानी भी घूमने जाते हैं। कुछ ज्यादा खर्च करने वाले लोग दुबई, दक्षिणी अफ्रीका और यूरोप भी जाते हैं।