# लोकसभा के रण में विधायकों के पसीने छूटे, वोट मांगने के लिए काट रहे पंचायतों में चक्कर…

Lok Sabha Election: MLAs are sweating in the battle of Lok Sabha, roaming around in Panchayats to seek votes

लोकसभा के रण में विधायकों के पसीने छूट रहे हैं। कोई पंचायतों में घूम रहे तो कोई वोट मांगने के लिए सरकारी कार्यालयों में चक्कर काट रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार से भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी अपने विधानसभा हलके में कंगना रणौत  के लिए जनसंपर्क अभियान में खूब पसीना बहा रहे हैं। वह बुधवार को सैंज में थे और वीरवार को बंजार जाएंगे। शौरी करीब 30 ग्राम पंचायतों को कवर कर चुके हैं और अभी उन्हें 20 से ज्यादा में जाना है। सुबह शुरू होने वाला प्रचार का यह सिलसिला रात नौ से दस बजे तक चलता है। शौरी का कहना है कि बंजार ने वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को जबरदस्त लीड दी थी और इस बार कंगना को भी यहां से अच्छे वोट दिलाना उनकी जिम्मेदारी है।

हरीश जनार्था शिमला से ऐसे कांग्रेस विधायक हैं, जिनके पास सरकार और संगठन में बेशक कोई बड़ी जिम्मेवारी नहीं है, मगर वह शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के प्रचार के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने शिमला शहर में लोक निर्माण विभाग, पुलिस निदेशालय, बिजली बोर्ड आदि में दिन भर कर्मचारियों से वोट मांगे। जनार्था का कहना है कि दिन के समय वे सरकारी कार्यालयों में प्रचार करते हैं, जबकि शाम के वक्त वार्डों में जाते हैं। इस लोकसभा चुनाव में सभी विधायकों की लगभग यही दिनचर्या है।

वे संसदीय प्रत्याशियों के लिए अपने-अपने हलकों में ताबड़तोड़ प्रचार में जुटे हैं। शिमला और कांगड़ा में कांग्रेस का संख्या बल ज्यादा है, वहीं मंडी में भाजपा का अधिक है। विधायकों में अपने-अपने हलकों में लीड दिलाने की स्पर्धा है। इसी से उनका अगला रिपोर्ट कार्ड बनेगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में तो कई विधायक भी मंत्रियों के बराबर के दर्जे वाले पदों पर हैं। इन पर अपने-अपने क्षेत्रों में लीड दिलाने का ज्यादा दबाव है।

खराब परफोर्मेंस पर इनके ओहदों पर भी संकट आ सकता है। इसी तरह भाजपा विधायकों की भी स्थिति होगी। अच्छा प्रदर्शन करने वाले भाजपा विधायकों का रिपोर्ट कार्ड अगले विधानसभा चुनाव में उनके टिकट पक्के होने की बुनियाद बनेगा। प्रदेश के चारों संसदीय क्षेत्रों में 17-17 विधानसभा हलके आते हैं। शिमला लोकसभा सीट पर 13 कांग्रेस, 3 भाजपा और 1 निर्दलीय विधायक हैं। कांगड़ा सीट पर 11 कांग्रेस, 5 भाजपा विधायक हैं। कांग्रेस के विधायक रहे सुधीर शर्मा धर्मशाला से भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ रहे हैं।

मंडी में 12 विधायक भाजपा और 4 कांग्रेस के हैं। लाहौल स्पीति से कांग्रेस के विधायक रहे रवि ठाकुर अब भाजपा के टिकट पर उपचुनाव में उतरे हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के 6 और भाजपा के पास 5 विधायक हैं। यहां से दो निर्दलीय विधायक भी हैं। पहले यहां पर कांग्रेस के 10 विधायक थे। मगर चार अन्य राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो और चैतन्य शर्मा कांग्रेस की विधायकी गंवाने के बाद अब भाजपा के टिकट से उपचुनाव लड़ रहे हैं। यानी कांग्रेस की विधायकी जाने के बाद ये छह पूर्व विधायक भी अब दोबारा विधानसभा जाने के लिए मेहनत मार रहे हैं।

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