शिमला की ढली सब्जी मंडी में पहाड़ी आलू ने दस्तक दे दी है। शुरुआत में किसानों को 20 से 25 रुपये प्रतिकिलो दाम मिले।
हिमाचल प्रदेश राजधानी शिमला की ढली सब्जी मंडी में पहाड़ी आलू ने दस्तक दे दी है। शुरुआत में किसानों को 20 से 25 रुपये प्रतिकिलो दाम मिले। गुरुवार को ढली सब्जी मंडी में ठियोग क्षेत्र से 10 से 12 बोरी आलू की खेप पहुंची। हालांकि गत वर्ष के मुकाबले किसानों को आलू के कम दाम मिले हैं। इसकी वजह से किसान मायूस हैं। किसानों का कहना है कि गत वर्ष ढली सब्जी मंडी में पहाड़ी आलू की बिक्री शुरुआत में 25 से 35 रुपये हुई थी। इस बार 20 से 25 रुपये प्रतिकिलो बिका। इस बार आलू की फसल अच्छी है।
उम्मीद है कि आने वाले दिनों में आवक बढ़ने के साथ अच्छे दाम मिलेंगे। वहीं आढ़तियों का कहना है कि इस बार मंडी में पहाड़ी आलू अच्छी गुणवत्ता वाला है। आने वाले दिनों में टुटू और मशोबरा से फसल पहुंचनी शुरू हो जाएगी। सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव बिट्टू वर्मा ने बताया कि सब्जी मंडी में इन दिनों फूलगोभी, मटर और बीन की खेप पहुंच रही है। अब दो दिनों से मंडी में पहाड़ी आलू की फसल पहुंचनी शुरू हो गई है। अभी आलू ठियोग क्षेत्र से ही आया है। आने वाले दिनों में अन्य क्षेत्रों से भी इसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी।
सोलन जिले में पहुंचा 449 क्विंटल मक्की का बीज
जिला कृषि विभाग के पास मक्की के बीज की पहली खेप पहुंच गई है। विभाग ने 1250 क्विंटल बीज की मांग निदेशालय को भेजी थी, जिसमें से 449 क्विंटल बीज पहुंच गया है। बारिश के बाद बची डिमांड भी पहुंच जाएगी। विभाग ने सभी कृषि केंद्रों पर बीज का वितरण शुरू कर दिया है। 40 प्रतिशत अनुदान के साथ बीज प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा विभाग के पास चरी समेत बाजरा का बीज भी पहुंच गया है।
24 हजार हेक्टेयर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में मक्की की बिजाई की जाती है। मई के अंत से बिजाई का कार्य शुरू हो जाता है। अभी बारिश न के कारण बिजाई का कार्य रुका हुआ है। किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। सबसे अधिक बीबीएन में 12 हजार हेक्टेयर पर मक्की की फसल तैयार की जाती है। कृषि विभाग के भंडारण केंद्र पर 425 क्विंटल चरी और 125 क्विंटल बाजरा की खेप पहुंच गई है। बीज लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड लाना होगा।
विभाग के पास बीज की सप्लाई आनी शुरू हो गई है। सभी केंद्रों को बीज भेजा जा रहा है। जहां किसानों को बीज वितरित किया जाएगा। बारिश के बाद बिजाई कार्य भी शुरू हो जाएगा। -डॉ. आरसी चौधरी, कृषि उपनिदेशक, जिला सोलन