प्रदेश में अब महिलाओं में भी गाड़ी चलाने का क्रेज बढ़ रहा है। दोपहिया वाहनों से लेकर कार चलाने तक के लिए महिलाएं आगे आ रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में अब महिलाओं में भी गाड़ी चलाने का क्रेज बढ़ रहा है। दोपहिया वाहनों से लेकर कार चलाने तक के लिए महिलाएं आगे आ रही हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले तीन साल में लगातार महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश में इस साल अप्रैल तक यानी चार महीनों में 5,078 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। वहीं साल 2023 में 13,333 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाए हैं। यह कुल लाइसेंस का 14.11 फीसदी हैं।
इससे पहले साल 2022 में यह आंकड़ा 12.59 फीसदी रहा था। प्रदेश की सड़कों पर दोपहिया और चौपहिया वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हर साल बड़ी संख्या में लोग ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे है। इसके साथ ही महिलाओं का भी लाइसेंस बनाने में रुझान बढ़ा है। प्रदेश भर में वाहन चलाना सिखाने के लिए कई नए ड्राइविंग स्कूल भी खुल चुके हैं। ऐसे में महिलाएं भी इनसे फीस देकर आसानी से वाहन चलाना सीख रही हैं। प्रदेश में कई महिलाएं इससे आत्मनिर्भर भी बन रही है। पुरुषों के अलावा अब महिलाएं भी टैक्सियां चलाकर कमाई कर रही हैं।
युवतियाें-कामकाजी महिलाओं की संख्या ज्यादा
प्रदेश में ज्यादातर युवतियों और कामकाजी महिलाओं का वाहन चलाने में रुझान देखने को मिला है। परिवहन विभाग के अनुसार कई युवतियां शौकिया तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रही हैं। नौकरी-पेशा महिलाएं आसानी से आवाजाही करने के लिए भी लाइसेंस बना रही हैं। उधर कई महिलाएं परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रही हैं। बच्चों को स्कूल छोड़ने और स्कूल से घर लाने के लिए महिलाएं वाहन चला रही हैं।
किस साल कितने बने लाइसेंस
वर्ष महिलाएं पुरुष कुल महिला %
2022 11,945 82833 94828 12.59
2023 13333 81092 94464 14.11
2024 5078 29860 34945 14.53
नोट: 2024 का यह आंकड़ा अप्रैल महीने तक का है।