नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा और पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर को पार्षद पद से अयोग्य करार दे दिया है। यह कार्रवाई दोनों के खिलाफ चल रही जांच की रिपोर्ट आने के बाद की गई है।
नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा और पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर को पार्षद पद से अयोग्य करार दे दिया है, जबकि पूर्व उप महापौर राजीव कौड़ा और पार्षद अभय शर्मा कार्रवाई से बच गए हैं। दोनों के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर उनकी सदस्यता बरकरार है। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। दोनों पार्षदों को अब निष्कासित कर दिया गया है।
यह कार्रवाई दोनों के खिलाफ चल रही जांच की रिपोर्ट आने के बाद की गई है। ऐसे में अब दोनों पार्षदों को अपना पद छोड़ना होगा। इन पर आरोप था कि दोनों ने व्हिप का उल्लंघन किया था। इन्होंने कांग्रेस पार्टी के निशान पर नगर निगम सोलन में पार्षद का चुनाव लड़ा था, लेकिन बीते दिसंबर में नगर निगम के महापौर और उप महापौर के चुनाव के दौरान पार्टी की ओर से इन्हें प्रत्याशी न बनाए जाने के बावजूद ऊषा ने भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को हराकर महापौर पद हासिल किया था। पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर ने ऊषा का नाम प्रस्तावित किया था। उसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष की शिकायत के बाद दोनों पर जांच बिठाई थी। उपायुक्त ने मामले की जांच की। रिपोर्ट आने से पहले ही आर्दश चुनाव आचार संहिता लग गई। अब आचार संहिता हटने के बाद मामले में निर्णय आया, जिसमें दोनों की सदस्यता को अयोग्य करार दिया है।
यह था मामला
7 दिसंबर को सोलन में ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद नगर निगम में महापौर व उपमहापौर के चुनाव करवाए गए थे। कांग्रेस ने महापौर पद के लिए सरकार सिंह और उप महापौर पद के लिए पार्षद संगीता का नाम प्रस्तावित किया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर ने ऊषा का नाम महापौर पद के लिए प्रस्तावित किया था। ऊषा ने महापौर पद की सीट पर कब्जा कर लिया। हालांकि उप महापौर भाजपा की मीरा आनंद बनी थीं।
मामले को लेकर जाएंगे हाईकोर्ट : ऊषा शर्मा
ऊषा शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने नगर निगम सोलन भाजपा को परोस दिया है। उनके साथ अन्याय हुआ है। वह अब मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगी।
जानबूझकर की कार्रवाई : पूनम
पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर ने कहा कि मैंने सोलन से विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए आवेदन किया था। तब से स्थानीय विधायक एवं मंत्री मेरे साथ व्यक्तिगत तौर पर दुश्मनी निकाल रहे हैं। मेरे खिलाफ कांग्रेस के चार पार्षदों ने ही महापौर रहते अविश्वास प्रस्ताव लाया था। यह कार्रवाई जानबूझ कर की गई। मामले को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।