सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली की प्रयोगशाला में आया टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन का सैंपल फेल हो गया है। कंपनी को संबंधित स्टॉक बाजार से वापस मंगवाने के निर्देश भी दे दिए हैं।
देश में टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन का सैंपल फेल हो गया है। यह सैंपल जांच के लिए सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली की प्रयोगशाला में आया था। जांच के दौरान टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन का सैंपल सीडीएल के मानकों पर खरा नहीं उतरा। प्रयोगशाला की ओर से संबंधित कंपनी को बैच के फेल होने की जानकारी दे दी है। वहीं कंपनी को संबंधित स्टॉक बाजार से वापस मंगवाने के निर्देश भी दे दिए हैं।
2019 के बाद इस बार किसी कंपनी का टिटनेस का इंजेक्शन फेल हुआ है। इसकी पुष्टि सीडीएल की वेबसाइट पर हुई है। हालांकि सीडीएल में इस वर्ष किसी वैक्सीन का यह पहला सैंपल फेल हुआ है। भारत में बनने से लेकर आयात और निर्यात होने वाली सभी प्रकार की वैक्सीन की सीडीएल कसौली में जांच की जाती है। मानव पर प्रयोग से पहले वैक्सीन की गुणवत्ता और नियंत्रण सीडीएल चेक करता है। प्रयोगशाला के मानकों पर खरा न उतरने पर कई वैक्सीन के सैंपल फेल हो जाते हैं। इसके बाद इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय को दी जाती है।
टिटनेस से बचाव के लिए होती है यह वैक्सीन
टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन टिटनेस से बचाव करती है और गंभीर संक्रमण से बचाती है।
2019 से अब तक फेल हुए सैंपल
वर्ष 2019 में बीओपीवी वैक्सीन के 25, टीटी वैक्सीन का एक, मेनींगोकोकल वैक्सीन के दो, टाइफायड वैक्सीन एक, रैबिज वैक्सीन का एक, 2020 में रैबिज वैक्सीन का एक, 2021 में कोरोना वायरस वैक्सीन के दो, 2022 में कोरोना वैक्सीन के तीन व रोटावायरस वैक्सीन का एक सैंपल फेल हुआ था। 2023 में मेनींगोकोकल वैक्सीन एक, कोरोना वायरस वैक्सीन का एक, टायफायड वैक्सीन का एक, स्नेक वेनम एंटी सीरम का एक सैंपल फेल हुआ है।