बद्दी-बरोटीवाला के पानी के नमूनों का रासायनिक विश्लेषण करके टीम ने पाया कि इस इलाके के भूजल में ऐसे प्रदूषित रसायन हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश के बद्दी-बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र के भूजल में कैंसर पैदा करने वाली जहरीले तत्व हैं। आईआईटी मंडी और जम्मू के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में इसका खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने यहां के पानी के नमूनों का रासायनिक विश्लेषण किया। इसमें पाया कि इस इलाके के भूजल में ऐसे प्रदूषित रसायन हैं, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के कारण बन सकते हैं।
यहां के पानी में जस्ता, सीसा, कोबाल्ट, निकेल और क्रोमियम की मात्रा पाई गई है। जो सरकार के बताई गई सुरक्षित मात्रा से कहीं ज्यादा हैं। ऐसा दूषित पानी पीने से लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं। क्षेत्र के भीतर 2013 से 2018 के बीच कैंसर और किडनी की बीमारी के भी बहुत मामले सामने आए हैं।
आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ सिविल एंड एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपक स्वामी और शोधकर्ता उत्सव राजपूत ने आईआईटी जम्मू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नितिन जोशी के साथ मिलकर शोधपत्र प्रकाशित किया है। शोधपत्र प्रतिष्ठित जर्नल साइंस ऑफ द टोटल एन्वायरनमेंट में प्रकाशित हुआ है।
प्रो. डॉ. स्वामी ने बताया कि दूषित भूजल पीने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। फैक्टरियों से निकलने वाले पानी में जस्ता, सीसा, कोबाल्ट और बेरियम जैसी धातुओं की मौजूदगी खतरनाक है, जो औद्योगिक स्रोतों से आती है। व्यस्कों के लिए सबसे ज्यादा खतरा कैंसर से है जो मुख्य रूप से निकेल और क्रोमियम जैसी औद्योगिक धातुओं की वजह से है।
फैक्ट्रियों का पदूषित पानी सेहत को खतरा : डॉ. दीपक स्वामी
प्रोफेसर डॉ. दीपक स्वामी ने बताया कि दूषित भूजल पीने से सेहत को बहुत नुकसान पहुंच सकता है। कहा कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले निष्कासित पानी में जस्ता, सीसा, कोबाल्ट और बेरियम जैसी धातुओं की मौजूदगी भी खतरनाक है, जो औद्योगिक स्रोतों से आती हैं। व्यस्कों के लिए सबसे ज्यादा खतरा कैंसर से है जो मुख्य रूप से निकेल और क्रोमियम जैसी औद्योगिक धातुओं की वजह से है। डॉ. दीपक स्वामी ने कहा कि उनके निर्देशन में शोधकर्ताओं का एक समूह प्राकृतिक विश्लेषण से एक आधुनिक प्रक्रिया को ईजाद करने की कोशिश में लगा है, जोकि औद्योगिक इकाईओं के निष्काषित प्रदूषित पानी के प्रभाव को भूजल में मिलने से पहले उसका प्रभाव कम कर सके। उन्हें उम्मीद है कि इस प्रयास के लिए उद्योगपति व सरकार जरूरी सुविधा प्रदान करेगी।
पानी को साफ करने पर देना होगा अधिक ध्यान: डॉ. नितिन जोशी
आईआईटी जम्मू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नितिन जोशी ने इस शोध के उद्देश्य के बारे में कहा कि बद्दी-बरोटीवाला के पानी की जांच से पता चला है कि इसमें बहुत खतरनाक धातुएं मिली हैं जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को पैदा करती हैं। क्योंकिं प्रदूषित भूजल को साफ करना बहुत जटिल व खर्चीली प्रक्रिया है। ऐसे में प्रदूषित पानी को साफ करने की तकनीक को बेहतर बनाने की बहुत जरूरत है।