हिमाचल प्रदेश में वाहन योग्य पुल कितने मजबूत एवं सुरक्षित हैं, इसका पता लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग पुलों का ऑडिट करवाएगा। सरकार ने विभाग को वाहन योग्य पुलों के ऑडिट के निर्देश दिए हैं। ऑडिट रिपोर्ट के बाद जो पुल मरम्मत करने लायक होंगे, उन्हें ठीक किया जाएगा और जो बिल्कुल खस्ता हालत में हैं, उन्हें हटाकर नए का निर्माण किया जाएगा। हिमाचल में बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते दो दर्जन पुल बारिश के पानी के साथ बह गए जबकि कइयों को नुकसान पहुंचा है। हिमाचल में कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके चलते सरकार पुलों का ऑडिट कर रही है।
हिमाचल में 3,00 से ज्यादा पुल हैं। इन पर वाहनों की आवाजाही होती है। सरकार ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए हैं कि जोन, मंडल या उपमंडल स्तर पर इंजीनियरों की टीमों का गठन कर सभी पुलों का निरीक्षण करेंगे। बाकायदा इसकी रिपोर्ट सरकार को देने को कहा गया है। अगर इंजीनियरों को लगा कि पुल ठीक करने योग्य है, ऐसी स्थिति में उसे दुरुस्त करने का प्लान तैयार किया जाएगा। अगर पुलों की दिशा बदली है, उसकी भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते लोक निर्माण विभाग को 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नुकसान का मामला केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उठाया है। प्राकृतिक आपदा के चलते पेड़ और चट्टानें नदियों में आ गईं। पानी के बहाव के साथ ये चट्टानें और पेड़ पुलों से भी टकराए होंगे, ऐसे में पुलों का ऑडिट करने के लिए कहा गया है।