सेब सीजन के रफ्तार पकड़ने से पहले ही सेब के मालभाड़े की दरें प्रति क्विंटल, प्रति किलोमीटर तय करने से बागवानों को झटका लगा है। पिकअप से सेब की ढुलाई का मालभाड़ा बीते साल के मुकाबले करीब 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है। प्रदेश सरकार ने इस सीजन में पहली बार सेब की ढुलाई की दरें प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के आधार पर तय की हैं।
हिमाचल में सेब ढुलाई की दरें अब तक पेटी के आधार पर तय होती थीं। उपमंडल से प्रदेश और बाहरी राज्यों की बड़ी मंडियों तक प्रति पेटी के आधार पर प्रशासन ढुलाई की दरें अधिसूचित करता था। इस साल सरकार ने उपायुक्तों को ढुलाई की दरें प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर के आधार पर तय करने के निर्देश दिए हैं। बागवानों का कहना है कि पिकअप के किरायों में अनुचित बढ़ोतरी की गई है। सेब उत्पादक क्षेत्रों से सड़कें संकरी होने के कारण 80 फीसदी सेब पिकअप गाड़ियों से ही लोकल मंडियों तक पहुंचाया जाता है।
पिकअप के किराये बढ़ने से बागवानों की लागत और फसल को मंडियों तक पहुंचाने का खर्चा बढ़ जाएगा। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान का कहना है कि सेब सीजन के लिए पिकअप का प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर किराये का निर्धारण पुन: किया जाना चाहिए। बीते साल के मुकाबले दरों में करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी से बागवानों पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा।
सोलन, परवाणू मंडी में सेब कारोबार कल से
सोलन और परवाणू सेब मंडी में कारोबार की तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। मंगलवार को पूजा-अर्चना के साथ यहां पर कारोबार भी शुरू हो जाएगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों से अर्ली किस्म का सेब पहुंचना भी शुरू हो गया है। जोकि अभी स्थानीय क्षेत्र में ही बिक रहा है। मंगलवार से बाहरी राज्यों के कारोबारी भी मंडी में पहुंचना शुरू हो जाएंगे। इसके लिए मंडी समिति की ओर से सभी तैयारी पूरी कर ली हैं।
परवाणू सेब मंडी में मंगलवार को चौपाल, करसोग, कुमारसैन और ठियोग से सेब किस्म टाइडमैन और नाशपाती की पहली खेप पहुंचेगी। परवाणू सेब मंडी के आढ़ती हनी एंड रंजन कंपनी और सेब मंडी के सचिव हनी रंजन ने बताया कि मंगलवार को सुबह 9:00 बजे पूजा अर्चना के बाद कारोबार शुरू कर दिया जाएगा। परवाणू मार्किट कमेटी के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि सेब सीजन को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली हैं।