हिमाचल की चार बेटियों ने नर्सिंग सर्विसेज की परीक्षा पास कर भारतीय सेना में नर्सिंग लेफ्टिनेंट पद पाया है। बेटियां सेना की अलग-अलग कमांड में जल्द ड्यूटी संभालेंगी। प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि चार बेटियों ने एक साथ सेना में जगह पाई है। सिरमौर जिले के कालाअंब के कौलांवालाभूड की वैशाली कश्यप के सेना में लेफ्टिनेंट बनने से पिता अनिल कुमार व माता पूजा देवी गदगद हैं। पिता ने बताया, वैशाली बचपन से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर रही हैं। नर्सिंग सर्विसेज परीक्षा में वैशाली का ऑल इंडिया रैंक 134 रहा और जबलपुर मध्यप्रदेश के लिए चयन हुआ है।
कांगड़ा के पालमपुर की भरमात की शीतल धीमान ने भी सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देंगी। शीतल के पिता सुरेंद्र धीमान कारपेंटर हैं और माता राधा ग्रहिणी हैं। साधारण परिवार की बेटी ने कड़ी मेहनत कर मुकाम पाया है। वह ईस्टर्न कमांड अस्पताल कोलकाता में सेवाएं देंगी। नूरपुर के नागनी पंचायत की सिमरन कौर चार अगस्त को झारखंड के नामकुम में ड्यूटी ज्वाइन करेंगी। पिता रविंद्र सिंह जल शक्ति विभाग में कार्य निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। माता बबीता का स्वरोजगार है।
सिमरन ने बताया, दादा और ताया भी सेना में नौकरी कर चुके हैं और उनकी भी इच्छा सेना में जाकर देश सेवा करने की थी, जो पूरी हुई है। कांगड़ा के सुलह विस क्षेत्र के भेडू महादेव की भोडा पंचायत की नितिका पटियाल ने एमएनएस की परीक्षा पास कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। नितिका कोलकाता कमांड अस्पताल में लेफ्टिनेंट के पद पर सेवाएं देंगी। यही नहीं, नितिका का चयन एम्स नई दिल्ली में भी हुआ था, लेकिन नितिका का सपना बचपन से ही आर्मी में जाकर राष्ट्र की सेवा करने का था। नितिका के पिता भी आर्मी से सेवानिवृत्त हैं और माता सुदर्शना गृहिणी हैं।