पीछे धमाके होते थे और योगेंद्र मां से कहते कहते सब ठीक है, भाई भूपेंद्र ने सुनाई दास्तां

Kargil Vijay Diwas 2024 Jawan Yogendra of Amb Pathiyar of Jwalamukhi

कारगिल युद्ध में प्राण की आहुति देने वाले ज्वालामुखी के अंब पठियार के जवान योगेंद्र बेहद साहसी थे। योगेंद्र के भाई भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि युद्ध के दौरान कभी-कभार माता जी से योगेंद्र बात करता था तो धमाकों की आवाज आती थीं पर वह सबको यही दिलासा देता था कि सब कुछ ठीक है।

लड़ाई खत्म होने के बाद वह जल्द घर आएगा, पर होनी को कौन टाल सकता है। भूपिंद्र सिंह वन विभाग में डिप्टी रेंजर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उस समय फोन की सुविधा कम थी। चिट्ठियों से ही सूचना आती थी।

योगेंद्र सिंह के घर पर बलिदान होने की सूचना 28 जुलाई को मिली। वह भी उनके चाचा के यहां किसी दोस्त ने सूचना पहुंचाई। 30 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर ज्वालामुखी के अंब पठियार के घर राजकीय सम्मान के साथ पहुंचाया गया। 31 जुलाई को उनका दाह संस्कार हुआ था। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए उनके भाई ने जो कुर्बानी दी है देश उसे कभी नहीं भूल पाएगा। 

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