हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ समय से चल रहे कांग्रेस और भाजपा के सियासी घमासान के बाद अब सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं में केंद्रीय मंत्रियों से मिलने की होड़ मच गई है। मुख्यमंत्री जिन केंद्रीय मंत्रियों से मिलने जा रहे हैं, भाजपा नेताओं का उन्हीं से मिलने जाना महज संयोग ही नहीं हो सकता है। इसके पीछे भी सियासत का नया खेल हो सकता है, इस पर सियासी विशेषज्ञ पहेलियां बूझ रहे हैं। विधानसभा उपचुनाव के निपटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनके कई केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू हिमाचल लौटते ही हैं कि पीछे-पीछे भाजपा के नेताओं ने भी नई दिल्ली का रुख कर उन्हीं केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का सिलसिला शुरू का दिया।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, जगत प्रकाश नड्डा, नितिन गडकरी आदि से भेंट की तो उसके बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन अमित शाह और नितिन गडकरी से मिलने चले गए। नितिन गडकरी से सीएम की मुलाकात के वक्त उनके लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य भी उनके साथ थे। नई दिल्ली में सीएम ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट कर ली। उसके बाद चंडीगढ़ में भी प्रदेश में ऊर्जा से जुड़े मुद्दों पर मुलाकात की।
इस बीच उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी दिल्ली जाकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। अब यह संयोग ही है या फिर इसके पीछे भी कोई राजनीतिक शह और मात का खेल चल रहा है कि मंगलवार को नई दिल्ली जाकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी मनोहर लाल खट्टर से भेंट की। उन्होंने भी बयान जारी किया है कि प्रदेश के विकास पर बात की है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक ओर जहां बार-बार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर केवल राजनीति करने और हिमाचल के हितों की बात केंद्र में नहीं उठाने के आरोप लगा रहे हैं, वहीं जयराम ठाकुर और अन्य भाजपा नेता भी नई दिल्ली जाकर राजनीतिक संदेश दे रहे हैं। हालांकि, इस बार जयराम ठाकुर संगठन की एक बैठक में शामिल होने भी दिल्ली गए हैं। पर कांग्रेस और भाजपा के इन दिग्गजों की इस दिल्ली दौड़ पर सबकी नजरें हैं।