कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति का संशोधन विधेयक राष्ट्रपति भवन पहुंच गया है। राज्य सरकार से टकराव पर हिमाचल राजभवन ने पहली बार राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए कोई मामला भेजा है। सरकार की सहमति से ही कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्त करने का विधानसभा सदन से पारित बिल का राजभवन भेजा गया है। बीते दिनों कृषि मंत्री चंद्र कुमार की बयानबाजी पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सार्वजनिक तौर पर एतराज भी जताया था। इसी कड़ी में अब विधेयक राष्ट्रपति भवन भेज दिया है। अब राष्ट्रपति कार्यालय ही चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति की प्रक्रिया का फैसला करेगा। प्रदेश सरकार ने राजभवन को प्रस्ताव भेजा है कि सरकार की सहमति से ही कुलपति नियुक्त हो। राजभवन ने प्रस्ताव पर कुछ आपत्तियां लगाकर फाइल सरकार को भेजी थी। बीते दिनों सरकार ने आपत्तियां दूर कर जवाब दिया।
राजभवन सचिवालय ने सरकार का जवाब प्राप्त होने के बाद मामला राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेज दिया है। राजभवन सचिवालय के अनुसार पहली बार राष्ट्रपति को इस प्रकार का मामला भेजा है। संशोधन विधेयक लाने से पहले इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और राजभवन से नामित व्यक्तियों की सर्च कमेटी कुलपति का चयन करती थी। संशोधित विधेयक में सरकार की सहमति लेने का प्रावधान है। अब तक हिमाचल प्रदेश कृषि, औद्याेगिकी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम 1986 राज्य के कृषि विवि पालमपुर और वानिकी विश्वविद्यालय सोलन पर लागू है। सरकार ने पिछले वर्ष सितंबर में हुए विधानसभा के मानसून सत्र में सदन में विधेयक पारित करवाया था। विधेयक पारित होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा था। जिसे अब राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा है।
लोकतंत्र प्रहरी बिल को लेकर भी असमंजस
लोकतंत्र प्रहरी बिल राजभवन में लंबित है। जयराम सरकार के समय लोकतंत्र प्रहरी सम्मान विधेयक 2021 पारित किया था। पूर्व सरकार ने आपातकाल के समय जेल में रहने वाले नेताओं की दो श्रेणियों को 20 हजार और 12 हजार रुपये प्रति माह सम्मान राशि देने का प्रावधान किया। सरकार बदलने पर बजट सत्र में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान निरसन विधेयक पारित करने का प्रस्ताव सदन में रखा। भाजपा के हंगामे और वाकआउट के बीच इसे पारित किया गया। फिर विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था।
जनजातीय क्षेत्रों में जल्द मिल सकती है नौतोड़ भूमि
जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को नौतोड़ भूमि जल्द मिल सकती है। राजभवन को वन संरक्षण अधिनियम पर सरकार से जानकारियां मिल गई हैं। राजभवन सचिवालय जल्द हरी झंडी दे देगा। हिमाचल प्रदेश नौतोड़ भूमि नियम 1968 में 20 बीघा से कम भूमि वाले लाभार्थियों को 20 बीघा सरकारी भूमि देने का प्रावधान है।