हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में श्रावण अष्टमी नवरात्र का भव्य आगाज सोमवार को हुआ। शक्तिपीठ को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। सोमवार सुबह ज्वालामुखी मंदिर में बारिश के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ कम देखने को मिली। सुबह 5:00 बजे श्रद्धालु मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शन करने के लिए कम संख्या में पहुंचे।
ज्वालामुखी विधायक संजय रत्न, मंदिर अधिकारी व तहसीलदार मनोहर लाल शर्मा, न्यास सदस्यों ने विधिवत पूजा-अर्चना व कन्या पूजन से श्रावण अष्टमी नवरात्र का शुभारंभ किया। के दौरान मंदिर के अंदर नारियल, ढोल-नगाड़े ले जाना पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही धारा 144 लागू होने पर किसी भी प्रकार के हथियार या आग्नेय वास्तु मंदिर क्षेत्र में ले जाना वर्जित है। पुलिस के 50 होमगार्ड सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं और 50 अतिरिक्त कर्मी नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कमी है तो उसके सुझाव व आवश्यक दिशा-निर्देश प्रशासन को दिए जाते हैं, ताकि ज्वालामुखी में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी दर्शन में न आए। पुजारी व न्यास सदस्य अविनेदर शर्मा ने बताया बाहरी श्रद्धालुओं सहित स्थानीय जनता भी आज पहला नवरात्र होने के कारण मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रही है। मां ज्वाला के कपाट आज सुबह ही दर्शनों को खोल दिए गए थे।
मंदिर प्रशाशन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में दर्शनों के लिए पंक्तिबद्ध तरीके से ही दर्शन करवाए जा रहे हैं। इन नवरात्रों का विशेष महत्व होता है क्योंकि सावन भोले बाबा और नवरात्र माता सती के प्रतीक हैं। इसलिए शिव-पार्वती के संगम को श्रावण नवरात्र विशेष बनाते हैं और भक्तजन इन नवरात्रों में माता की चौकी, लंगर आद लगाते हैं। हालांकि, बारिश के कारण श्रद्धालुओं की आमद कुछ कम दिखी।