मंडी जिला के द्रंग विधानसभा स्थित सनोर घाटी के प्रसिद्ध देवता ऋषि बरनाग करीब 70 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद छोटी काशी मंडी में पधारे। इस दौरान देवता के साथ करीब एक हजार से ज्यादा भक्त झूमते-गाते मंडी शहर पहुंचे, जिससे भादों के काले मास में छोटी काशी मंडी देवमयी हो गई। बरनाग देवता अपने स्थान सनोड़ से गाड़ी के माध्यम से मंडी तक आए और इसके बाद माता भीमाकाली मंदिर से राज माधव राय मंदिर तक पैदल यात्रा कर पहुंचे।
देवता के इतने लंबे अंतराल के बाद शहर पहुंचने पर आम लोगों के साथ कई संस्थाओं ने भी देवता का स्वागत किया। राज माधव राय मंदिर पहुंचने पर देवता बरनाग ऋषि का स्वागत सर्व देवता समिति मंडी व माधव राय मंदिर के पुजारी ने फूल-मालाओं और धूप-दीप के साथ किया।
जानकारी के अनुसार देवता किसी भक्त के बुलावे पर मेहमान नवाजी के लिए मंडी शहर में पधारे हैं, जिनके दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लग गया। देवता के गुर नितिन ठाकुर ने बताया कि बरनाग ऋषि को भगवान शेषनाग जी का अवतार माना गया है और यह बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाले और बिजली बादल के देवता माने गए हैं। उन्होंने बताया कि यह पराशर ऋषि के कटवाल भी हैं और हर वर्ष सरानाहुली के दौरान पराशर मेले में शिरकत करते हैं।
उन्होंने बताया कि देवता मंडी शिवरात्रि में भी शिरकत करते थे, लेकिन राजाओं के राज समाप्त होने के बाद वह मंडी शिवरात्रि मेले में नहीं आए। उन्होंने बताया कि देवता अपने भक्त के बुलावे पर मंडी शहर में आए हैं और फिर अपने स्थान के लिए लौट जाएंगे। उन्होंने बताया कि बरनाग ऋषि दिल्ली में भी परेड में शामिल हो चुके हैं और उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया था।