हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चमियाना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों को ले जाने में हो रही दिक्कतों और सड़कों की खस्ताहालत पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यहां पर ओपीडी के संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यहां से ओपीडी वापस आईजीएमसी के लिए शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की अदालत ने अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को हो रही दिक्कतों के लिए राज्य सरकार व लोक निर्माण विभाग को कड़ी फटकार लगाई।
मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के निदेशक और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट अदालत में दायर की। इसमें कहा गया कि अस्पताल में न तो कैंटीन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है और न ही दवाइयों की दुकान है। आईजीएमसी चिकित्सा अधीक्षक ने अदालत में कहा कि विभाग ने एचआटीसी से स्टाफ को ले जाने के लिए बसों की मांग की थी, जिसे एचआटीसी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि मेडिकल स्टाफ को ले जाने के लिए विभाग के पास न तो पर्याप्त कर्मचारी हैं और न ही बसें हैं।
महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सड़क का काम एनएचएआई के पास है, जिसकी वजह से सड़क निर्माण में देरी हो रही है। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने अदालत को बताया कि अगर विभाग की ओर से उचित धनराशि उपलब्ध होगी तो सड़क का कार्य समय पर पूरा किया जाएगा। अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और लोक निर्माण विभाग को 31 अक्तूबर तक अस्पताल और सड़क को दुरुस्त करने के लिए क्या-कदम उठाए हैं, इस पर रिपोर्ट दायर करने को कहा है।
अदालत ने कहा कि विभाग ने बिना कुछ सोचे-समझे ही अस्पताल को चालू कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि जब तक अस्पताल में मरीजों को ले जाने वाली बेहतर सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई जातीं, तब तक ओपीडी नहीं चलाई जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्तूबर को होगी। बता दें कि आईजीएमसी से 12 अगस्त को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी समेत आठ विभागों की ओपीडी शिफ्ट की गई थी।