देश में फिर टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन और रेबीज एंटीसीरम के सैंपल फेल हो गए हैं। यह सैंपल जांच के लिए सेंट्रल ड्रग्स लैब (सीडीएल) कसौली में आए थे। परीक्षण के दौरान टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन के तीन और रेबीज एंटी सीरम का एक सैंपल सीडीएल के मानकों पर खरा नहीं उतरा है। अब तक कुल पांच सैंपल फेल हो चुके हैं। इसकी पुष्टि सीडीएल की वेबसाइट पर हुई है।
प्रयोगशाला की ओर से सैंपल फेल होने के बारे में संबंधित एजेंसी को सूचित कर दिया गया है। इसी के साथ मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी गई है। वहीं, टीम जांच कर रही है कि सैंपल फेल होने के क्या कारण हैं। इसका जल्द ही पता लगेगा। इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई करेगा।
भारत में बनने से लेकर आयात और निर्यात होने वाली सभी वैक्सीन की सीडीएल कसौली में जांच की जाती है। मानव पर प्रयोग से पहले वैक्सीन की गुणवत्ता और नियंत्रण सीडीएल कसौली चेक करता है। अगर आए हुए बैच में से एक भी सैंपल फेल हो जाए तो वैक्सीन को बाजार में उतारने पर भी रोक लग जाती है। कोरोना काल में भी देशभर में लगाई गई विभिन्न प्रकार की वैक्सीन की जांच सीडीएल कसौली में हुई थी। वैक्सीन के सफल होने के बाद मान्यता दी गई थी। वर्तमान में भी कई प्रकार की वैक्सीन के सैंपलों की जांच सीडीएल कसौली में चली हुई है।
टिटनेस से करती है बचाव
टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन टिटनेस से बचाव करती है और गंभीर संक्रमण से बचाती है। कुछ माह पहले टीटी वैक्सीन का एक सैंपल फेल हुआ था। अब तीन ओर सैंपल हो गए हैं। 2019 के बाद इस बार किसी कंपनी के टिटनेस का इंजेक्शन फेल हुआ है।
कुत्ते के काटने पर करती है बचाव
रेबीज एंटी सीरम कुत्ते के काटने पर बचाव करती है। यह रैबीज वायरस के प्रति एंटी बॉडी बनाती है। अगर समय पर रैबीज इंजेक्शन न लगवाया जाए तो वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। यही नहीं व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
2019 से अब तक फेल हुए सैंपल
वर्ष 2019 में बीओपीवी वैक्सीन के 25, टीटी वैक्सीन का एक, मेनींगोकोकल वैक्सीन के दो, टाइफायड वैक्सीन एक, रैबीज वैक्सीन का एक, 2020 में रैबीज वैक्सीन का एक, 2021 में कोरोना वायरस वैक्सीन के दो, 2022 में कोरोना वैक्सीन के तीन व रोटावायरस वैक्सीन का एक सैंपल फेल हुआ था। 2023 में मेनींगोकोकल वैक्सीन एक, कोरोना वायरस वैक्सीन का एक, टाइफायड वैक्सीन का एक, स्नेक वेनम एंटी सीरम का एक सैंपल फेल हुआ है।