हिमकेयर के बाद अब सहारा योजना पर भी जांच की आंच

After Himcare, now Sahara Yojana is also under investigation

हिमकेयर योजना के बाद अब सहारा योजना की भी सरकार जांच करवाएगी। सहारा योजना में दाखिल कैंसर और थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए प्रतिमाह 3,000 रुपये दिए जाते हैं। योजना में ऐसे भी लोग शामिल किए गए हैं, जिनकी उंगली कटी है।  मुख्यमंत्री सुक्खू ने भाजपा विधायक सुधीर शर्मा, रणधीर शर्मा और अन्य की ओर से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। सदन में भाजपा की ओर से हिमकेयर और सहारा योजना को लेकर एक के बाद एक कई प्रश्न किए गए।

स्वास्थ्य मंत्री को घिरता देख मुख्यमंत्री को मोर्चा संभालना पड़ा।  नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने सहारा योजना के तहत मिलने वाली राशि रोक दी है। 5,329 लोगों को पैसा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमकेयर में निजी अस्पतालों की इंपैनलमेंट खत्म की गई है। निजी अस्पताल में हर्निया के ऑपरेशन बिल 25 हजार की जगह एक लाख बना दिया। सरकार योजना की जांच कर रही है। वहीं, सहारा योजना पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी। इसमें कौन-कौन लाभार्थी शामिल हुए हैं, इसको देखा जा रहा है।  सीएम ने कहा िक प्रदेश में 157 निजी अस्पतालों के िखलाफ जांच चल रही है। हिमकेयर योजना में 60 करोड़ जारी िकए हैं।

विधायक सुधीर शर्मा ने प्रश्न किया कि हिमकेयर के लाभार्थियों की चयन प्रक्रिया में नियमों में क्या बदलाव किया है। निजी अस्पतालों में योजना में कोई अनियमितता नहीं पाए जाने की बात स्वास्थ्य मंत्री ने की है। क्या इसके लिए कोई समिति बनाई थी, जिसने जांच की हो। अनुपूरक प्रश्न में रणधीर शर्मा ने पूछा कि हिमकेयर योजना में निजी अस्पतालों की लंबित राशि को कब तक दिया जाएगा। बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने भी इसी विषय पर अनुपूरक सवाल किया। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि जहां तक हिमकेयर की लंबित देनदारियों का मामला है, वह एक निरंतर प्रक्रिया है।

भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि निजी अस्पतालों को हिमकेयर योजना की सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है। मंत्री शांडिल ने कहा कि 172.66 में से 82.66 करोड़ रुपये पिछली सरकार के समय की देनदारियां नहीं दी गई थीं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हकीकत छिपा रही है। पिछली सरकार के समय सहारा योजना शुरू की गई। हिमकेयर योजना में 355 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। सीटी स्कैन की तिथि तीन-तीन महीने बाद की मिल रही थी।  सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना के तहत निजी अस्पतालों में डायलिसिस सुविधा जारी रखी है। 

200 डाॅक्टर और 850 नर्सों की होगी भर्ती
विपक्ष के विधायक बार-बार मंत्री को घेरते रहे और जवाब से असंतोष जताते रहे तो मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम खुद ही स्वीकार कर चुके हैं कि सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड वगैरह में तीन-तीन महीने लग जाते थे। तभी इसे शुरू किया। जितने भी अस्पताल प्रदेश में हैं, वे ट्रांसफर अस्पताल बन गए हैं। हिमकेयर अस्पताल का फायदा किसे हुआ, यह देखा जाए। पहली बार प्रदेश में 137 निजी अस्पताल खुल गए। 200 डॉक्टरों की भर्ती का मामला आयोग के लिए भेजा गया है। टांडा में 450 और आईजीएमसी में 400 नर्सों की भर्ती की जा रही है। आयुष्मान योजना में धांधलियां हुई हैं। हिमकेयर में सरकारी अस्पतालों की 227 और निजी अस्पतालों की 127 करोड़ रुपये की देनदारियां लंबित हैं। 

मेरा नाम सुखविंद्र सिंह ठाकुर है, सुख मतलब हैपीनेस
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना शुरू की है। इसका हम स्वागत करते हैं। हालांकि, उन्होंने योजना के नाम पर सवाल उठाए। इस पर सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि उनका नाम सुखविंद्र सिंह ठाकुर है। सुख का मतलब हैपीनेस।

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