हिमाचल प्रदेश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए राज्य सचिवालय में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक का अयोजन किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके जरिये विधानसभा अध्यक्ष से एक संयुक्त समिति गठित करने का अनुरोध किया गया, जो पूरे प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति बनाने का काम करेगी। शिमला में संजाैली विवाद का कानूनी हल निकाला जाएगा।
बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, भाजपा से रणधीर शर्मा, माकपा नेता राकेश सिंघा, आप के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर व स्थानीय विधायक हरीश जनारथा माैजूद रहे। बैठक की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में मौजूद सभी राजनीतिक दलों ने राज्य में संस्कृति, शांति और सद्भाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पिछले कुछ समय से जो झगड़ा था, उससे स्थिति बिगड़ी और लोगों ने एक समुदाय के प्रति गुस्सा महसूस किया गया। कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी को काम करने का अधिकार है। सब लोग अपनी सीमाओं के अंदर काम करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि किसी मुद्दे पर युवा लड़ जाते है और स्थानीय लीडरशिप उसमे अपनी राजनीति के लिए आगे बढ़ती है।
फिर कहीं न कहीं ऐसी स्थिति पैदा होती है कि छोटी सी बात किसी मुद्दे के रूप में सामने आती है। सीएम ने कहा कि बैठक में सभी पार्टियों से विचार विमर्श किया। सभी का मानना है कि हिमाचल शांतिप्रिय प्रदेश है। यहां किसी धर्म, समुदाय को काम करने से मना नहीं है, लेकिन जो भी हो कानून के दायर में हो। कोई ऐसी बात न हो जिससे किसी समुदाय, धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचे।