मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार के पास राज्य की 23,000 करोड़ रुपये की धनराशि लंबित है, जिसे नहीं दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेतृत्व ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुमराह किया है। प्रधानमंत्री के लिए सभी राज्य समान हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान कोषागार कभी भी ओवरड्राफ्ट नहीं हुआ है। इससे संबंधित तथ्य आरबीआई और केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से सत्यापित किए जा सकते हैं।
सोमवार को मीडिया को जारी बयान में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि 23 हजार करोड़ रुपये में 9,300 करोड़ रुपये पिछले साल आई प्राकृतिक आपदा के बाद आवश्यकता आकलन से संबंधित हैं, जो अभी तक जारी नहीं हुए हैं। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को ही 8,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। प्रदेश को कुछ नहीं दिया। नई पेंशन योजना के 9,300 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के हिमाचल प्रदेश के हक में दिए फैसले के बावजूद 4,500 करोड़ भी राज्य को अभी तक नहीं मिले हैं। यदि केंद्र लंबित राशि जारी कर दे तो हिमाचल आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को शीघ्र हासिल करेगा।
हमने 14 अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की, जयराम सरकार में 56 थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने बोर्डों और निगमों में केवल 14 अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की है, जबकि जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान इस प्रकार की 56 नियुक्तियां की गई थीं।
किसी भी कर्मचारी के वेतन का भुगतान नहीं रुका
सुक्खू ने कहा कि विभिन्न बोर्डों-निगमों के कर्मचारियों, पेंशनभागियों को महीने की पहली तारीख को वेतन और पेंशन की अदायगी की जा रही है। वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नकदी प्रवाह असंतुलन को ठीक करने का निर्णय लिया है। सरकारी विभागों के कर्मियों को महीने की 5 तारीख को वेतन मिल रहा है। इससे ऋण के ब्याज में प्रति माह 3 करोड़ की बचत हो रही है। किसी भी कर्मचारी का वेतन भुगतान नहीं रुका है। सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की है और पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।