किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत पंडोह बाजार को बाईपास प्रोजेक्ट की अलाइनमेंट को लेकर एनएचएआई के परियोजना अधिकारी को मुख्यालय से कुछ सुझाव मिले हैं। कैंची मोड़ से आगे टनल के विस्तार या अन्य निर्माण संभावनाओं को तलाशने के लिए सुझाव दिया गया है। इस पर अब जियो टैगिंग जांच करवाई जाएगी। प्रस्ताव को दुरुस्त करने के बाद मुख्यालय भेजा जाएगा और अलाइनमेंट स्वीकृत करवाई जाएगी।
पंडोह बांध के पास 2023 में हुई बरसात और इस बार की बरसात के दौरान काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। यहां बन चुके फोरलेन का भी बड़ा भाग भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। इस बीच अब एनएचएआई मुख्यालय ने परियोजना निदेशक को पंडोह बाईपास की अलाइनमेंट में यहां पहले से प्रस्तावित टनल के विस्तार की संभावनाओं को तलाशने का सुझाव देकर प्रस्ताव मांगा है। कैंची मोड़ के पास टनल के अलावा अन्य निर्माण की संभावनाएं जियो टैगिंग जांच से स्पष्ट होगी।
दरअसल एनएचएआई चाहता है कि पंडोह बाईपास प्रोजेक्ट में पंडोह डैम के पास 900 मीटर की टनल प्रस्तावित है, उसे आगे तक बढ़ाया जाए। यहां पर 2023 में और इस साल हुई बरसात से फोरलेन क्षतिग्रस्त हुआ। भविष्य में भी भारी बरसात में फोरलेन के फिर क्षतिग्रस्त होने की भी आशंका है। ऐसे में यहां पर टनल के विस्तार पर ही जोर दिया जा रहा है।
कैंची मोड़ के पास टनल समेत अन्य निर्माण की संभावनाएं तलाशने का मुख्यालय से सुझाव मिला है। इसके जियो टैगिंग जांच करवाने के आदेश दिए हैं।-वरुण चारी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
टनल का निर्माण होगा चुनौतीपूर्ण
मौजूदा स्थिति में कैंची मोड़ के पास टनल निर्माण की संभावना नजर नहीं आ रही है। जिस जगह टनल निर्माण की बात कही जा रही है, वह पहले से ही भूस्खलन प्रभावित जोन है।
ऐसे में टनल निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण होगा। यदि यहां टनल बनानी हो तो उसके लिए बेहद अंदर तक जाकर खोदाई करनी पड़ेगी। हालांकि जियो टैगिंग जांच में यह सब साफ होगा कि यहां क्या किया जा सकता है। ऐसे में इस कार्य को अभी काफी लंबा समय लग सकता है। इस कारण अभी पंडोह बाईपास का प्रोजेक्ट लटकता हुआ नजर आ रहा है।