पठानकोट से सटे हिमाचल प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों छन्नी बेली, मोहटली, कंदरोड़ी, नूरपुर, रैहन और इंदौरा में नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इसके अलावा डलहौजी, खज्जियार और धर्मशाला-मैक्लोडगंज जैसे पर्यटन स्थल नशे के सौदागरों के निशाने पर हैं। पुरुष-महिलाएं, बच्चे-बूढ़े सभी इस धंधे में शामिल हैं। पंजाब और जम्मू तक इस कारोबार के तार जुड़े हैं। आलम यह है कि नशा करने वाले युवा फेफड़ों और सीने से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं।
अमर उजाला की टीम पंजाब सीमा के नजदीकी क्षेत्रों में पहुंची। छन्नी बेली, मोहटली और कंदरोड़ी में स्थिति चिंताजनक दिखी। दुकानों, रेहड़ियों पर आसानी से कच्ची शराब (लाहण), चिट्टा, अफीम, गांजा और चरस समेत नशे की तमाम सामग्री मिल जाती है। पठानकोट से करीब पांच किलाेमीटर और थाने से करीब 800 मीटर दूर एक गांव है। यहां 50 से 60 घर हैं। 15 साल पहले यहां कच्चे घर हुआ करते थे, अब आलीशान मकान हैं।
गांव में प्रवेश के लिए छोटी सी गली है। गली में कांगड़ा पुलिस के नाम का बैरियर लगा है, लेकिन कोई जवान तैनात नहीं। इस गली की निगरानी गांव के बुजुर्ग और बच्चे करते हैं। बच्चे दूर से ही पहचान लेते हैं कि गली की ओर आने वाला व्यक्ति ग्राहक है या पुलिस वाला। तसल्ली होने के बाद बच्चे ग्राहकों को रास्ता दिखाते हैं। महिलाएं नशे की सामग्री का मोल-भाव करती हैं। धंधे का उसूल है कि उधार कुछ नहीं मिलेगा। नकद दो, जो नशा चाहिए, वह लो।
गंवानी पड़ी जान
मई 2024 : मिलवां में युवक की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। शव सरकारी अनाज मंडी के पास मिला। मौके पर सिरिंज भी पड़ी मिली।
अगस्त 2023 : पालमपुर के घुग्गर में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत। पुलिस ने मृतक युवक के दोस्त सहित चिट्टा तस्करी करने वाली महिला और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई की।
वर्ष 2019 : 15 मौतें नशे की ओवरडोज से दर्ज की गईं। 14 मौतें अकेले उपमंडल नूरपुर में हुईं, जबकि एक मामला बैजनाथ उपमंडल था।
मंडी : 2023 में चिट्टे से मंडी जिले में करीब 10 युवाओं और 2024 में अभी तक करीब छह युवाओं की नशे की ओवरडोज से मौत हो चुकी है।
ऊना : इस वर्ष जुलाई एवं अगस्त में गगरेट विधानसभा के तहत चिट्टे की ओवरडोज से पांच मौत हुई हैं।
20 प्रतिशत ऐसे ही मरीज
चिट्टा से काला पीलिया, हेपेटाइटिस बी, विभिन्न इंफेक्शन वाली बीमारियां होती हैं। एक ही सिरिंज का प्रयोग करने से एचआईवी रोग भी होता है। धूम्रपान करने वालों को सीने का इंफेक्शन होता है। सांस संबंधी रोग होते हैं। कुल ओपीडी में 15 से 20 फीसदी ऐसे ही मरीज सामने आते हैं। – डाॅ. विवेक सूद, एसोसिएट प्राेफेसर टांडा मेडिकल कालेज, कांगड़ा
47 महिलाएं गिरफ्तार
2022 से अब तक इस क्षेत्र में 301 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें 47 महिलाएं भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में बुजुर्ग भी शामिल हैं। एक महिला को तो नजरबंद तक करना पड़ा। 2022 में 12, 2023 में 22 और अगस्त 2024 तक इन क्षेत्रों की 13 महिलाएं गिरफ्तार हुई हैं। इंदौरा क्षेत्र की एक महिला को नशे के कई मामलों में गिरफ्तार किया गया था। उससे कई बार चिट्टा बरामद हुआ लेकिन उसने नशे का धंधा जारी रखा। हाल ही में इस महिला को नजरबंद करने के आदेश जारी करने पड़े। प्रदेश में किसी महिला को नजरबंद रखने का यह पहला मामला था।
करोड़ रुपये की संपत्ति आरोपियों से की जब्त
नशे के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस काम कर रही है। सात मामलों में लगभग 15.50 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। नशे के मामलों में बार-बार संलिप्त पाए गए तीन आदतन आरोपियों को नजरबंद किया गया है। -अशोक रतन, एसपी, पुलिस जिला नूरपुर
हमारा इलाका भदरोआ पंजाब बॉर्डर से लगता है। पूरा इलाका चिट्टा का सेलिंग प्वाइंट बन गया है। हमने अभियान चलाए। गांव वालों को इकट्ठा किया। नाके लगाए। तीन साल छोटी-छोटी टोलियां बनाकर नशा बेचने वालों और पीने वालों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। लेकिन ये अपराधी एक-दो महीने में बाहर आ जाते हैं। ऐसे लोगों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। – राजीव वशिष्ट, स्थानीय समाजसेवी
100 में से 20 युवा नहीं फुला पा रहे सीना, हो रहीं दिक्कतें
नशा करने वाले युवकों के सीने में फुलाव नहीं हो पाता है। मेरे पास आने वाले 100 में 20 युवाओं में सीने संबंधी दिक्कतें आ रही हैं। इनमें मेडिकल, नशा, शारीरिक प्रशिक्षण गलत तरीके से लेने के मामले शामिल हैं। उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं।