सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटारी-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग-03 वाया हमीरपुर-मंडी में टोल प्लाजा के निर्माण पर संशय बना हुआ है। निर्माणाधीन इस टून लेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर ठाणा दरोगण में टोल प्लाजा का निर्माण डीपीआर में प्रस्तावित था। प्लाजा के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने भी विरोध जताया था। इसके बाद से यहां पर टोल प्लाजा निर्माण तो फिलहाल नहीं किया गया है लेकिन इस एनएच पर टोल प्लाजा का निर्माण होगा अथवा नहीं इसका अंतिम फैसला विश्व बैंक प्रबंधन की टीम की राय के बाद ही होगा। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय स्तर पर इस मामले पर विमर्श चल रहा है।
तीन चरणों में एनएच तीन का निर्माण हमीरपुर से मंडी तक किया जा रहा है। 40 किलोमीटर का पहला पैकेज हमीरपुर से सरकाघाट के समीप करनोल तक निर्माणाधीन है। दिसंबर तक इस चरण के कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस चरण में ठाणा दरोगण में टोल प्लाजा का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन यह फिलहाल नहीं किया गया है। 28 किलोमीटर का दूसरा पैकेज करनोल से कलवाण और 41 किलोमीटर का तीसरा पैकेज कलवाण से मंडी तक शामिल हैं। मंडी तक 109 किमी निर्माण प्रस्तावित है, उसके बाद यह फोरलेन से जुड़कर मनाली तक जाएगा। हमीरपुर से लेकर अवाहदेवी, सरकाघाट, धर्मपुर, कोटली होते हुए मंडी की दूरी वर्तमान में 124 किलोमीटर है, जोकि घटकर 109 किलोमीटर रह जाएगी। हमीरपुर से मंडी वाया सरकाघाट, धर्मपुर मंडी का सफर दो घंटे कम समय में पूरा होगा। हमीरपुर से मंडी तक कुल 40 बस स्टॉप और वर्षाशालिकाओं सहित हमीरपुर और धर्मपुर के पास दो टोल प्लाजा इस प्रोजेक्ट की डीपीआर में हैं, लेकिन क्या टूलेन पर टोल प्लाजा का निर्माण नियमों के दायरे में होगा इसको लेकर मंत्रालय की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अपने पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल में वर्ष 1999 इस एनएच के निर्माण के पहल की थी। उस वक्त इसे जालंधर-मंडी एनएच-70 के रूप निर्मित करने का निर्णय हुआ था। हालांकि एनएच-70 को नया नंबर एनएच-03 दे दिया गया। जालंधर से मंडी तक वाया अवाहदेवी की दूरी 265 किलोमीटर की है। इसमें 58 किलोमीटर पंजाब और 207 किलोमीटर हिमाचल में है। अब अटारी से लेकर लेह तक घोषित एनएच-03 की दूरी 556 किलोमीटर है। इसमें 177 किमी पंजाब, 170 किमी लद्दाख और शेष हिमाचल में है। पंजाब, हिमाचल और लद्दाख से गुजरने वाले इस एनएच को हमीरपुर जिला के अणु से मंडी तक तीन पैकेज में करीब 109 किलोमीटर बनाने का काम इन दिनों चला हुआ है।
सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के परियोजना कार्यालय हमीरपुर के सहायक अभियंता तन्मय महाजन ने कहा कि टोल प्लाजा का निर्माण डीपीआर में प्रस्तावित है, लेकिन निर्माण को लेकर अंतिम फैसला मंत्रालय स्तर पर होगा। यह विश्व बैंक का प्रोजेक्ट है, ऐसे में मंत्रालय स्तर पर इस पर निर्णय होगा। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर लोक निर्माण विभाग की एनएच विंग ने तैयार की थी।