गगल एयरपोर्ट की जद में आई वन भूमि को एफसीए की प्रारंभिक मंजूरी

FCA's initial approval to forest land that falls under Gaggal Airport

कांगड़ा के गगल हवाई अड्डा विस्तारीकरण परियोजना की जद में आई वन भूमि को एफसीए की प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। चिह्नित की भूमि में छह हेक्टेयर वन भूमि है। एफसीए क्लीयरेंस को प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके चलते हवाई अड्डा विस्तार के लिए एफसीए की प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है।  गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में कांगड़ा और शाहपुर उपमंडलों के 14 गांव आ रहे हैं। इसमें कांगड़ा के 10 जबकि शाहपुर उपमंडल के चार गांव शामिल हैं।

एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 147.7587 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी। इसमें से 25.1064 हेक्टेयर सरकारी और 122.6623 हेक्टेयर निजी भूमि है। चिह्नित की गई सरकारी भूमि में छह हेक्टेयर वन भूमि भी शामिल है। वहीं, निजी पर भूमि चिह्नित किए गए भवनों के मालिकों को नोटिस जारी कर उनके दावे और आक्षेपों को सुनने के लिए तिथियां निर्धारित कर दी गई हैं। नोटिस देने का कार्य भी लगभग 90 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।

दूसरी ओर हवाई अड्डा विस्तारीकरण की जद में आने वाली सरकारी भूमि पर कितने मकान और व्यावसायिक परिसर स्थित हैं, इसका सर्वे नहीं हुआ है। उधर, जिला पर्यटन अधिकारी कांगड़ा विनय धीमान ने बताया कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण में छह हेक्टेयर वन भूमि भी शामिल है, जिसकी एफसीए की प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। 16 अक्तूबर को होगी सुनवाई : एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ संघर्ष समिति ने मामले को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है जिनकी सुनवाई भी न्यायालय में हो रही हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को निर्धारित की गई है। जिसके चलते प्रशासन भी इस सुनवाई में न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहा है।

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