हिमाचल में बरसात थमी, अब विकास कार्य पकड़ेंगे रफ्तार

Himachal Weather:  The rain has stopped, now development work will pick up pace, know the weather forecast

मानसून की विदाई के साथ अब हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य गति पकड़ेंगे। एक महीने में जिन शहरों में सड़कों की टारिंग नहीं हुई है, उन्हें पूरा करने का लोक निर्माण विभाग ने लक्ष्य रखा है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में रात को भी टारिंग की जाएगी। बरसात के कारण जिन सड़कों के किनारे डंगे ढह गए थे उनका काम भी निर्धारित समय में निपटाया जा सकेगा।  लोक निर्माण विभाग ने मानसून के चलते फील्ड में भेजे कर्मचारियों को वापस अपने-अपने कार्यालय बुला लिया है। निर्देश दिए गए हैं कि सड़कों की टारिंग, भवनों व पार्किंग के निर्माण के दौरान इंजीनियर का मौके पर होना अनिवार्य है ताकि विकास कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे।

ठेकेदारों को भी निर्धारित समय में काम निपटाने को कहा गया है। उधर, जलशक्ति विभाग ने भी पानी के स्रोतों को सुधारने के निर्देश जारी किए हैं। मानसून के चलते जिन स्रोतों को नुकसान हुआ है, उन्हें दुरुस्त करने को कहा है। जो स्रोत आपदा से ढह गए हैं उन्हें नए सिरे से बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित करने को कहा है। पेयजल कनेक्शनों पर लगी रोक को भी प्रदेश सरकार जल्द हटा सकती है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में 27 जून को मानसून के दस्तक दी थी। इसी बीच शिमला, कुल्लू, मंडी में मानसून के तबाही मचाई थी।कई भवन व स्कूल बाढ़ में बह गए। विभागों को भारी नुकसान हुआ था।

4 तक मौसम साफ, 5 से बारिश के आसार
प्रदेश में 4 अक्तूबर तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 5 से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मध्य और उच्च पर्वतीय आठ जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में 8 अक्तूबर तक माैसम खराब बना रह सकता है। मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगडा में मौसम साफ रहेगा।  

मानसून के दौरान 1,360 करोड़ का नुकसान
प्रदेश में मानसून के चलते राज्य सरकार को 1,360 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बागवानी, जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग को इस सीजन में भारी क्षति हुइ। कुल्लू, मंडी और जिला शिमला में बाढ़ से ज्यादा नुकसान हुआ। बादल फटने, बारिश, बाढ़, वाहन दुर्घटना और गिरने से 342 लोगों की मृत्यु हुई है, 535 घायल हुए और 28 लोगों का पता नहीं चल पाया है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में 81 पक्के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 122 कच्चे मकान बाढ़ से ढह गए। वहीं 537 पशुशालाएं ध्वस्त हो गईं। कृषि विभाग को 132.64 लाख, बागवानी को 1,39,985.835 लाख, लोक निर्माण विभाग को 63,321.41, जेएसवी – 54,088.04 लाख, बिजली बोर्ड को 98.91 लाख, मत्स्य पालन विभाग को 87 लाख और पशुपालन विभाग को 3.25 लाख का नुकसान हुआ था। 

न्यूनतम तापमान में कमी से सुबह-शाम बढ़ी ठंड
न्यूनतम तापमान में कमी से सुबह और शाम के समय ठंडक बढ़ गई है। गुरुवार को शिमला न्यूनतम तापमान 15.6, सुंदरनगर  14.0, भुंतर 14.4, कल्पा 7.8, धर्मशाला 17.0, ऊना 19.4, नाहन 19.8, केलांग 7.3, सोलन 12.4, मनाली 12.5, कांगड़ा 18.5, मंडी 16.7, बिलासपुर 17.2, चंबा 17.4, पांवटा 22.0, कसाैली 19.0, देहरा गोपीपुर 22.0, मशोबरा 14.8 और सैंज में 14.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

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