प्लास्टिक में सामान बेचने वाली 1,100 कंपनियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस

Himachal Pollution Control Board issues notice to 1,100 companies selling goods in plastic

हिमाचल प्रदेश में प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार लगभग 1100 कंपनियों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस जारी किए हैं। ये कंपनियां प्लास्टिक की उत्पादक, आयातक और ब्रांड मालिक हैं। इन कंपनियों को इसे ठिकाने लगाने का खर्च स्थानीय निकायों या संबंधित सरकारी एजेंसियों को देना होगा। प्रदेश हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसी करीब 1100 कंपनियों को नोटिस भेजे हैं, जो किसी न किसी रूप में अपने उत्पाद के साथ हिमाचल में प्लास्टिक पहुंचा रही हैं। इन कंपनियों को पहले तो बोर्ड के पास एक्सटेंडिड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी के तहत अपना पंजीकरण करवाना होगा। कई कंपनियों ने यह पंजीकरण भी नहीं करवाया है। 

 उक्त कंपनियां इस दायित्व के तहत राज्य में प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने की लागत नहीं उठा रही हैं। राज्य उच्च न्यायालय ने सुलेमान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में इस संबंध में कड़ा संज्ञान लिया है। राज्य में पैक्ड सामान में ऐसी कंपनियां प्लास्टिक कचरे को हिमाचल प्रदेश में भेज रही हैं। इससे प्रदेश का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। राज्य सरकार इस विषय पर बार-बार कह रही है कि प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने के लिए बजट नहीं है, जबकि इसके लिए आ रही लागत का खर्च कानूनन इन कंपनियों को ही उठाना होता है।

नदी-नालों और अन्य जगहों से प्लास्टिक कचरे को उठाने से लेकर इसके परिवहन करने और इसे रिसाइक्लिंग यूनिट तक पहुंचाने  का खर्च इन्हीं कंपनियों को उठाना होगा। हाईकोर्ट में प्लास्टिक   कचरे को ठिकाने लगाने की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता देवेन खन्ना ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी बनाना ही इसका मकसद है। जो भी कंपनियां हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रही हैं, उसका संग्रहण, यातायात और रिसाइकल करने का दायित्व भी उन्हीं का है। सभी कंपनियों के एक्सटेंडिड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबलिटी के तहत पंजीकृत होने और उनसे इसकी लागत  मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश में प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने में मदद मिलेगी।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद ऐसी 1100 कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं, जो प्लास्टिक की उत्पादक, आयातक और ब्रांड मालिक हैं। इनसे पूछा गया है कि एक्सटेंडिड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी के तहत वह प्लास्टिक कचरे को उठाने का खर्च उठा रही हैं या नहीं। उनसे इस संबंध में ब्योरा मांगा गया है। 

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