मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में कार्प मछली उत्पादन पिछले वर्ष के 6,767.11 मीट्रिक टन की तुलना में बढ़कर 7,367.03 मीट्रिक टन हो गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 2,600 मछुआरे कार्प मछली पालन का कार्य कर रहे हैं और उत्पादन वृद्धि से उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। तालाब निर्माण के लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान सरकार दे रही है।
उन्होंने कहा कि मई 2024 में विभाग ने नेशनल फ्रेशवाटर फिश ब्रूड बैंक और भुवनेश्वर से उन्नत अमुर कार्प बीज खरीदे हैं। इन बीजों का उपयोग सोलन के नालागढ़ स्थित फिश सीड फार्म और ऊना के गगरेट फिश सीड फार्म में ब्रूड स्टॉक्स विकसित करने के लिए किया जा रहा है। अगले वर्ष से किसानों को इन फार्मों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध होंगे। इनकी उत्पादन दर पारंपरिक प्रजातियों की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
सरकार ने जून 2024 में केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वर के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत जयंती रोहू और अमृत कटला प्रजातियों के उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाए गए हैं। विभाग की ओर से ऊना के गगरेट में पांच करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है।
14 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 1.38 करोड़ जारी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अब तक सामान्य श्रेणियों के किसानों को 14 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 1.38 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को छह हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 59.52 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि शीघ्र ही जारी की जाएगी। सुक्खू ने कहा कि यह योजना बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, चंबा और ऊना में क्रियान्वित की जा रही है। तालाबों में रोहू, कटला, मृगल, कॉमन कार्प और ग्रास कार्प का पालन किया जा रहा है।