पर्यटन नीति में बदलाव, एक हेक्टेयर से ज्यादा पर लगा सकेंगे ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट

HP Cabinet Decisions: Changes in tourism policy, eco tourism projects can be set up on more than one hectare

हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में ईको टूरिज्म नीति-2017 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 2023 में बीते दिनों हुए किए गए संशोधन के अनुरूप ईको टूरिज्म नीति में बदलाव कर 6 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।   ईको टूरिज्म साइट के लिए अब एक हेक्टेयर से अधिक के प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी जाएगी। इसे लेकर केंद्रीय नीति में भी बदलाव हुआ है। सरकार ने शर्त रखी है कि ईको टूरिज्म यूनिट में स्थानीय लोगों को अनिवार्य तौर पर रोजगार देना होगा और स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा अब ट्रैकिंग गतिविधियां भी वन विभाग के अधीन प्रस्तावित हैं। सैलानियों के साथ इन्हें चलाने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए पॉलिसी में बदलाव होने हैं।

पीपीपी मॉडल में संचालित पार्किंग सुविधाओं के लिए मंत्रिमंडल उपसमिति को दी गई मंजूरी
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने शिमला शहर में पीपीपी मॉडल के अंतर्गत संचालित पार्किंग सुविधाओं के संचालन की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडल उपसमिति के गठन को मंजूरी दी। समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी इस समिति के सदस्य होंगे। शिमला के विधायक हरीश जनारथा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह समिति लिफ्ट पार्किंग, छोटा शिमला पार्किंग, संजौली पार्किंग, न्यू बस स्टैंड पार्किंग और टुटीकंडी पार्किंग की समीक्षा करेगी। 

उपभोक्ता कल्याण फंड में केंद्र से हिमाचल को मिलेंगे 18 करोड़
कैबिनेट में मंगलवार को उपभोक्ता कल्याण फंड को लेकर गाइडलाइन बनाने को मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार उपभोक्ता वेलफेयर फंड में हिमाचल को 18 करोड़ रुपये देगी जबकि 2 करोड़ की राशि प्रदेश सरकार वहन करेगी। कुल मिलाकर उपभोक्ताओं के कल्याण पर 20 करोड़ की राशि खर्च होगी। इस राशि का खर्च उपभोक्ता के अधिकार, संरक्षण में किया जाएगा। उपभोक्ताओं को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करना इसका मुख्य लक्ष्य रहेगा। इसमें प्रदेश के स्कूलों, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में उपभोक्ता क्लब बनेंगे। हिमाचल में उत्पादों की टेस्टिंग के लिए प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में गाइडेंस ब्यूरो खुलेगा। जहां उपभोक्ता शिकायत कर सकेंगे। अगर उपभोक्ताओं बाजार में सामान खरीदते वक्त अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं तो इसकी शिकायतें की जा सकेंगी। 

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