हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- तीस साल पुराने पंचायती राज एक्ट बदलने पर विचार करे प्रदेश सरकार

Himachal Pradesh High Court said State govt should consider changing the 30 year old Panchayati Raj Act

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को सरकार को पंचायतों के 30 साल पुराने पंचायती राज कानून को बदलने पर विचार करने को कहा है। अदालत ने कहा कि ग्राम पंचायतों के लिए नए नियम बनाए जाएं। पंचायतों में ठोस कचरा व प्लास्टिक के निस्तारण के लिए सरकार नियम बनाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रधान, उपप्रधान, सदस्यों और अन्य अधिकारियों की जिम्मेवारी सुनिश्चित की जाए। अधिवक्ता देवेन खन्ना की ओर से अदालत को बताया गया कि हिमाचल में तीन हजार शौचालय को जियो टैग किया गया है।

 याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जियो टैग करने के बाद लोगों को गूगल मैप में शौचालय ढूंढने में आसानी होगी। अधिवक्ता ने बताया कि 15वें वित्त आयोग ने 2020-2021 में सिर्फ शौचालय और ठोस कचरा के लिए 858 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 525 करोड़ रुपये अभी भी खर्च नहीं किए जा सके हैं। यह पैसा सिर्फ ठोस कचरा निस्तारण व साफ-सफाई के लिए ही खर्च किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार इस मामले में वीरवार को अदालत में अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी।

पेड़ कटान में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई करने के दिए आदेश
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2022 में बिना चिह्नित किए काटे गए 11 पेड़ों पर कड़ा संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने वन अरण्यपाल चंबा को पेड़ कटान में संलिप्त पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने वन अरण्यपाल को तीन महीने के भीतर कार्रवाई से जुड़ी अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनसे 16 लाख रुपये की वसूली की जाए और पुलिस कैंसलेशन रिपोर्ट भी दायर करें।

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