जिला चम्बा की ग्राम पंचायत हरिपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आस्था स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं आचार, चम्बा चुख, पापड़ तथा बडिय़ां इत्यादि बनाकर प्रत्येक महिला सालाना 15 से 20 हजार रुपए की अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। इस कार्य से महिलाओं के परिवारों को रोजमर्रा के जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करना आसान हो गया है।
अब समूह से जुड़ी महिलाएं न केवल स्वयं व्यावसायिक गतिविधियां कर रही हैं बल्कि साथ लगते गांवों की अन्य महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित व प्रशिक्षित कर रही हैं। इसके परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत हरिपुर में विभिन्न नौ महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं एकता महिला ग्राम संगठन के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों को बनाकर इन्हें स्थानीय बाजार के अलावा प्रदेश व देश के विभिन्न हिस्सों में बेचकर हजारों रुपए की आय अर्जित कर रही हैं। इन समूहों की कुछ महिलाएं दुग्ध उत्पादन तथा जैविक सब्जी उत्पादन द्वारा भी अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं।
ग्राम पंचायत हरिपुर के भंडारका गांव की आस्था स्वयं सहायता समूह की सचिव रीता देवी ने बताया कि उनका समूह वर्ष 2014 में पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2018 तक वाटरशेड के अंतर्गत कार्य कर रहा था। वर्ष 2018 में समूह ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्य करना आरंभ किया, जिसके तहत वर्ष 2019 में समूह की महिला सदस्यों ने आर-सेटी बालू में आचार, चम्बा चुख तथा अन्य खाद्य उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण के पश्चात समूह की महिलाओं ने इन उत्पादों का बड़े स्तर पर उत्पादन व बेचना करना आरंभ किया। इसी वजह से स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है। वहीं महिलाओं में भी अपने रोजगार को बढ़ाने में प्रेरणा मिल रही है और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही है। बहरहाल, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदान किए जा रहे मंच व मार्गदर्शन की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अब सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन रही हैं।