हिमाचल प्रदेश में वन विभाग की छह ईको टूरिज्म साइट्स को मंजूरी मिल गई है। यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा और पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रदेश सचिवालय में आयोजित ईको टूरिज्म सोसाइटी की कार्यकारी समिति की 16वीं बैठक में कैसधार कुल्लू, कसोल कुल्लू, बिंद्रावानी कुल्लू, बीड़ बिलिंग बैजनाथ, सोलंगनाला कुल्लू और सूमारोपा कुल्लू इको टूरिज्म साइट के तौर पर मंजूरी दी गई।
बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त प्रधान सचिव (वन) केके पंत ने की। प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल डॉ. पवनेश शर्मा ने बताया कि छह ईको टूरिज्म साइट्स की सरकार से आधिकारिक रूप से स्वीकृति मिल गई है। अतिरिक्त प्रधान सचिव वन केके पंत ने अधिकारियों को इको टूरिज्म साइट्स के मध्यम से वन संपदा का संरक्षण करते हुए रोजगार के नए अवसर सृजित करने के निर्देश दिए हैं।
पर्यटकों को वन विभाग के विश्राम गृहों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भी निर्देश दिए। पंत ने दूरदराज क्षेत्रों के वन विश्राम गृहों का पर्यटन विकास को ध्यान में रखकर जीर्णोद्धार करने के भी निर्देश दिए। प्रदेश के 245 ट्रैकिंग रूटों को हार्ड, मिडिम और इजी तीन वर्गों में चिन्हित करने का भी फैसला लिया गया।
बैठक में प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल वन्यप्राणी अमिताभ गौतम, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल संजय सूद, मुख्य वन अरण्यपाल शिमला के. थिरूमल, वन अरण्यपाल कुल्लू संदीप शर्मा, अरुण जसवाल और संजीव गांधी, वन मंडल अधिकारी डॉ. सरोज वर्मा सहित अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।