रामकृष्ण मिशन और ब्रह्मो समाज के बीच चल रहे संपत्ति विवाद के चलते शनिवार रात की घटना के बाद प्रशासन ने रामकृष्ण मिशन आश्रम की सुरक्षा को बढ़ा दिया है। रविवार रात 15 पुलिस कर्मी और 7 क्यूआरटी जवान पूरे परिसर में तैनात रहे। हर आने-जाने वाले से पूछताछ की जा रही थी।प्रवेशद्वार पर सुरक्षा का सख्त पहरा था। हर आगंतुक से उनके आने का कारण पूछा जा रहा था, और पहचानपत्र दिखाने के बाद ही आश्रम में प्रवेश की अनुमति दी जा रही थी। पूरे इलाके में तनाव का माहौल था। शनिवार शाम को ब्रह्मो समाज के अनुयायियों ने आश्रम में उपासना शुरू कर दी थी, जिससे माहौल अचानक गरमा गया।
पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्थिति तो काबू में आई, लेकिन विवाद ने नई बहस को जन्म दे दिया है। आश्रम के पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी संपत्ति पर जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, जबकि ब्रह्मो समाज इसे अपनी संपत्ति होने का दावा कर रहा है। आश्रम परिसर के बाहर भी पुलिस बल तैनात रहा। अधिकारी लगातार यह सुनिश्चित कर रहे थे कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन तनाव है। प्रशासन ने दोनों पक्षों से विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करने की अपील की है। पुलिस की सतर्कता और सुरक्षा के इंतजामों से स्थिति फिलहाल शांत है।
अनुयायियों ने लगाए एक दूसरे पर हमले के आरोप
रामकृष्ण मिशन आश्रम शिमला में शनिवार देर रात हुए विवाद मामले में दोनों संस्थाओं के अनुयायियों ने एक-दूसरे पर हमला करने के आरोप लगाए। रामकृष्ण मिशन आश्रम के सह सचिव स्वामी रामरूपानंद ने बताया कि हिमालयन ब्रह्म समाज ने वर्ष 2014 में जमीन को रामकृष्ण मिशन आश्रम को गिफ्ट डीड कर दिया है। जमीन हड़पने के लिए समानांतर संगठन का गठन किया गया है। वहीं, हिमालयन ब्रह्म समाज की संयुक्त सचिव शैल पंडित ने बताया कि हिमालयन ब्रह्म समाज ने कानूनी रूप से रामकृष्ण मिशन आश्रम को इस संपत्ति को गिफ्ट डीड कर दिया है। भारतवर्षीय ब्रह्म समाज की अध्यक्ष डाॅ. सुमंता नियोगी और हिमालयन ब्रह्मो समाज शिमला के ट्रस्टी एवं महासचिव विशाल शर्मा ने बताया कि तन्महिमानंद और रामरूपानंद ने परिसर में पूजा कर रहीं महिलाओं से अभद्र व्यवहार किया और कलश भी खंडित कर दिया।