हिमाचल प्रदेश में पशुपालक अब एक गाय का बीमा महज 1498 रुपये में तीन साल के लिए करवा सकते हैं। ऐसे में आपदा बीमारी या दूसरी किसी वजह से गाय की मौत होती है तो राहत राशि के तौर पर पशुपालक को 35 हजार रुपये मिलेंगे। बीपीएल, एससी और ओबीसी वर्ग के पशु पालकों की गाय का बीमा 749 में होगा। जिले में गाय की संख्या करीब डेढ़ लाख है, लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से अब तक केवल 918 गाय का बीमा ही हो पाया है। यह योजना केवल गाय, भेड़, बकरियों, भैंस, घोड़े, गधे और याक के लिए हैं। इसमें एक भेड़ पालक अधिकतम 50 भेड़ों का बीमा करवा सकते हैं।
बीपीएल परिवार को 80 फीसदी तक का अनुदान
राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना के तहत इस वर्ष 918 गायों का बीमा करवाया है। इसमें यदि पशुपालक सामान्य वर्ग से संबंध रखता है तो उसे प्रीमियम की राशि के साथ 60 फीसदी का अनुदान मिलेगा। यदि वह बीपीएल परिवार से संबंध रखता है तो उसे 80 फीसदी तक का अनुदान मिलेगा। योजना के तहत यदि किसी कारणवश बीमित पशुओं की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी बीमित राशि की रकम पशुपालक मालिक को दी जाएगी। इसका मूल्य पशु पालक और पशु चिकित्सक मिलकर तय करेंगे।
पशु का तीन साल का बीमा होगा
पशु के पोस्टमार्टम होने के बाद ही डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर ही बीमा राशि जारी की जाएगी। बिना पोस्टमार्टम के यह राशि पशु पालकों को नहीं मिलेगी। इसमें पशु का तीन साल का बीमा होगा। आपदा के दौरान जिला के कई पशुपालकों को पशुओं के मरने से नुकसान उठाना पड़ता है। बीते वर्ष भी भारी बरसात के दौरान कई पशुओं की गोशाला ढहने से मृत्यु हो गई थी। सरकार ने आपदा के दौरान हुए पशुपालकों को नुकसान को देखते हुए राहत दिलाने के लिए यह योजना शुरू की है। इसके बारे में पशुपालक अधिक जानकारी नजदीकी पशु चिकित्सालय से प्राप्त कर सकते हैं।
जिले के सभी सात सब डिवीजनों के पशुपालक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसमें पशुओं का तीन साल का बीमा किया जाएगा। बीमित राशि पशुपालकों को दी जाएगी