भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब पांच हजार करोड़ रुपये और बढ़ सकती है। निर्माण सामग्री के दाम बढ़ने, प्रोजेक्ट की अलाइनमेंट में संभावित बदलाव और नई आवश्यकताओं का जुड़ना लागत बढ़ने के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। रेल विकास निगम (आरवीएनएल) ने प्रोजेक्ट का रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कर मंजूरी के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय को भेज दिया है। रेललाइन प्रोजेक्ट के लिए रिवाइज्ड एस्टीमेट में से कितना पैसा मंजूर होगा, यह मंत्रालय पर ही निर्भर करेगा। यह दूसरा मौका है जब आरवीएनएल ने रिवाइज्ड एस्टीमेट केंद्र को भेजा है।
अप्रैल 2015 में जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तब इसकी अनुमानित लागत चार हजार करोड़ रुपये थी। वर्ष 2019 में प्रोजेक्ट का रिवाइज्ड एस्टीमेट केंद्र को भेजा गया और अनुमानित लागत बढ़कर चार से सात हजार करोड़ हो गई। आरवीएनएल के अधिकारियों के मुताबिक रिवाइज्ड एस्टीमेट दो मुख्य कारणों से तैयार किया जाता है। पहला कारण निर्माण सामग्री के दाम में बढ़ोतरी और दूसरा अलाइनमेंट में संभावित बदलाव और नई आवश्यकताएं जुड़ना है। इसके अलावा परियोजना के निर्माण के दौरान नई तकनीकों, सुरक्षा मानकों या संरचनात्मक डिजाइनों को जोड़ने की आवश्यकता, जमीन की स्थिति, पहाड़ी क्षेत्र, नदियों, जंगल से गुजरने वाले मार्ग में अनुमान से अधिक कठिनाइयां आने समेत कई कारण लागत बढ़ने के हैं।
अधिकारियों ने ये कहा
अधिकारियों के अनुसार, जब भी इस तरह की परियोजनाओं की अनुमानित लागत तैयार होती है तो इस बात का सही अनुमान नहीं होता है कि किस टनल पर कितना सटीक खर्च होगा। टनल निर्माण कार्य में आंतरिक परिस्थितियों का आकलन पूर्व में करना कठिन होता है। काम शुरू होने के बाद ही सही स्थिति का पता चलता है, इसके कारण भी एस्टीमेट में बदलाव अनिवार्य हो जाता है। भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन का काम अप्रैल 2015 में शुरू हुआ था। अभी सात किलोमीटर काम पूरा हो चुका है और ट्रैक बिछाने की तैयारी है। पहाड़पुर तक वर्ष 2025 और बिलासपुर तक वर्ष 2017 तक आरवीएनएल ने ट्रैक बिछाने का लक्ष्य रखा है। भानुपल्ली से बिलासपुर तक ट्रैक की लंबी 52 किमी है। इससे आगे बैरी तक 11 किमी ट्रैक के लिए अभी भूमि अधिग्रहण किया जाना है।