गेहूं और जौ की फसल का प्रति बीघा में होगा बीमा, खराब होने पर मिलेंगे इतने हजार

Insurance of wheat crop will be done at Rs 72 and that of barley at Rs 60 per bigha.

अगर सूखा या आपदा के कारण गेहूं की फसल खराब हो जाएगी तो 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा। यह सुविधा उन किसानों को मिलेगी जो फसल बीमा करवाएंगे। कृषि विभाग ने प्रदेश में गेहूं और जौ की फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित कर दी है। कृषि निदेशालय शिमला के निर्देशों पर पुनर्गठित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी मौसम 2024-25 में गेहूं और जौ की फसल को बीमा के लिए शामिल किया है। फसल बीमा कराने के लिए किसानों को लोकमित्र केंद्र में जमाबंदी, आधार कार्ड, बैंक पास बुक और बिजाई प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज लेकर जाना होगा। ऑनलाइन पोर्टल पर भी आवेदन कर सकते हैं। ऋणी किसानों के लिए यह फसल बीमा योजना ऐच्छिक है। किसानों को योजना का लाभ लेने अथवा न लेने के संबंध में समीप के बैंक की शाखा को सूचित करना होगा।

गेहूं की फसल के लिए कुल बीमित राशि 60 हजार रुपये और जौ की फसल के लिए 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। किसानों को गेहूं की फसल के लिए 72 रुपये प्रति बीघा और जौ की फसल के लिए 60 रुपये प्रति बीघा प्रीमियम देना होगा। बीमा योजना के तहत कम वर्षा, सूखा, बाढ़, भूमि कटाव, ओलावृष्टि और फसल कटाई के उपरांत दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान एवं स्थानीयकृत आपदाओं को कवर किया जाता है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में दो महीने से ज्यादा समय से सूखे जैसे हालत बने हुए हैं। प्रदेश के अधिकतर क्षेत्र में पोस्ट मानसून सीजन में अब तक बारिश न होने से जमीन सूखी पड़ी है। प्रदेश में 15 नवंबर तक का समय गेहूं की बिजाई के लिए उपयुक्त माना जाता है। लेकिन जमीन सूखी होने से ज्यादातर किसान गेहूं सहित रबी सीजन में बोई जाने वाली अन्य फसलों की बिजाई नहीं कर पाए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *