सीएम सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को नवाजा, बोले- स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाएंगे

CM sukhvinder Sukhu felicitated international medal winning players, said stadiums will be built in 68 assembl

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने गुरुवार को शिमला में आयोजित नकद पुरस्कार वितरण समारोह में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता 21 खिलाड़ियों को सम्मानित किया। ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाड और कॉमनवेल्थ  स्पर्धाओं में जीतने वाले खिलाड़ियों पर धनवर्षा की गई। ऊना के पैरालंपिक एथलीट निषाद कुमार को सबसे अधिक 7.80 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी गई। समारोह के दाैरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार बनी तो प्रदेश का खजाना खाली था, पूर्व सरकार ने प्रदेश की संपदा को लुटा दिया गया था। हमारी सरकार ने कहा कि इस व्यवस्था से विभाग चलने वाले नहीं हैं और हमने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन कर आत्मनिर्भर बनाएंगे।

आज जो खिलाड़ियों को सम्मान मिल रहा है वह उस आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की कल्पना है जो हम बार-बार कहते हैं कि 2027 तक प्रदेश आत्मनिर्भर होगा और हिंदुस्तान का सबसे समृद्ध राज्य बनेगा। सीएम ने कहा कि हमने खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को आठ गुना बढ़ा दिया और आज जब वह देश का नाम विदेश में जाकर रोशन करते हैं तो उससे प्रदेश का नाम भी रोशन होता है । इन सभी खिलाड़ियों को हमारी सरकार सलाम करती है। सीएम ने कहा कि इस बार के दूसरे साल के बजट में हमने स्कूल गेम्स की भी डाइट मनी बढ़ाई, कॉलेज गेम्स के साथ नेशनल खेलने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी भी बढ़ाई।

सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों का शूटिंग रेंज, स्वीमिंग पूल, बॉक्सिंग, कुश्ती, लॉन टेनिस कोर्ट बना रहे हैं और पूरे 68 विधानसभा में इसका निर्माण कार्य अगले वर्ष शुरू करने जा रहे हैं। साथ ही एक खेल परिसर पर 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करने जा रहे हैं। जहां पानी होगा, वहां स्विमिंग पूल की व्यवस्था की जाएगी।  इंडोर अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्टेडियम बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं, अक्तूबर 2025 में बनकर तैयार हो जाएगा। 20 महीने के भीतर यह स्टेडियम बनकर तैयार हुआ है। सीएम ने कहा कि हमारी हालत भी ठीक है, प्रदेश में आर्थिक समृद्धि भी है लेकिन प्रदेश की संपदा को लूटने नहीं दिया जाएगा। हम सत्ता में कोई सत्ता सुख के लिए नहीं आए हैं, हम व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आए हैं। हम ऐसे फैसले ले रहे हैं जो समाज के आम लोगों तक पहुंचे। आर्थिक चुनौती का सामने हमने युद्ध स्तर पर किया, राजनीतिक चुनौतियां को पार किया। 

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