हिमाचल प्रदेश में सस्ते राशन के डिपुओं में केंद्र से आने वाले चावल की जगह लोकल चावल देने की तैयारी है। राशनकार्ड धारकों को दालें, तेल और नमक राज्य सरकार देती है जबकि गेहूं और चावल केंद्र से आते हैं। इस बार राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि किसानों से जो धान खरीदा है, उसे बाहर न बेचकर उसके चावल तैयार कर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाए। इसको लेकर केंद्र सरकार से बातचीत शुरू कर दी है। अगर केंद्र सरकार इस पर सहमत हो जाती है तो राज्य सरकार की लोकल चावल देने की योजना सिरे चढ़ेगी। वहीं सरकार डिपुओं में लाल चावल देने पर भी विचार कर रही है।
हालांकि, लाल चावल के लोगों को सरकारी रेट के मुकाबले ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि सरकार मार्केट रेट से कम दाम पर लाल चावल उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है। हिमाचल में किसानों से धान की खरीद तकरीबन पूरी कर ली गई है। जानकारी के मुताबिक 70,007 किसानों से इस बार 31,205 टन धान खरीदा गया है। अब खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग मशीनों में धान का छिलका उतारकर चावल खाद्य आपूर्ति निगम को भिजवाएगा। धान का छिलका उतारने के लिए पांच जगहों पर मशीनें स्थापित की हैं। ये मशीनें सिरमौर, ऊना, कांगड़ा और सोलन जिले में स्थापित हैं।