हिमाचल प्रदेश में जनवरी 2025 से बिजली महंगी हो जाएगी। नए साल से उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में दूध और पर्यावरण शुल्क शामिल होगा। बिल संशोधित करने के लिए बोर्ड ने तैयारी पूरी कर ली है। अब बढ़ी हुई दरों को लागू करने के लिए सिर्फ सरकार से आदेश का इंतजार है। सरकार से अधिसूचना जारी होते ही नई दरों के तहत बिजली बिल जारी होंगे। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दस पैसे प्रति यूनिट और अन्य के लिए दो रुपये तक बिजली के दाम बढ़ेंगे। इससे प्रदेश के 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगेगा।
घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे दूध उपकर देना होगा
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने विधानसभा के मानसून सत्र में पारित विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मंजूरी दे दी है। अब साॅफ्टवेयर में एंट्री का काम सरकार से मंजूरी मिलते ही शुरू किया जाना है। बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में पूर्व की दरों के तहत ही बिल जारी होंगे। इसी माह सरकार से नई दरें लागू करने की अधिसूचना जारी होने के आसार हैं। बढ़ी दरें जनवरी 2025 से लागू होंगी। इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे दूध उपकर चुकाना होगा। इन पर पर्यावरण उपकर नहीं लगेगा। शून्य बिल वाले उपभोक्ताओं से दूध उपकर भी नहीं लिया जाएगा।
इन पर लिया जाएगा उपकर
लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों, वाणिज्यिक, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर भी लिया जाएगा। इन सभी श्रेणियों को 10 पैसे के दूध उपकर के अलावा पर्यावरण उपकर के तौर पर 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट भी चुकाना होगा। पर्यावरण उपकर लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की श्रेणी में बांटा गया है। लघु उद्योगों पर दो पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर चार पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10 पैसे, अस्थायी कनेक्शनों पर दो रुपये और स्टोन क्रशरों पर दो रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लगेगा। विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से 6 रुपये प्रति यूनिट उपकर वसूला जाएगा।
एक उपभोक्ताओं को एक ही बिजली मीटर पर मिलेगी सब्सिडी
प्रदेश में जनवरी से एक उपभोक्ता को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी मिलेगी। इन दिनों प्रदेश भर में उपभोक्ताओं की ई केवाईसी करने का काम चल रहा है। अगर किसी उपभोक्ता के नाम पर अधिक कनेक्शन होंगे तो एक को छोड़कर अन्य पर बिना सब्सिडी वाली दरों के हिसाब से बिजली शुल्क चुकाना होगा। प्रदेश में कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने मुख्य शहरों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर बनाए हैं। इन उपभोक्ताओं से अभी 125 यूनिट प्रति माह खपत न होने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, लेकिन एक परिवार एक मीटर योजना लागू होने पर उन्हें भी न्यूनतम शुल्क चुकाना ही पड़ेगा। बिजली उपभोक्ताओं को भी गैस सिलिंडर की तर्ज पर सब्सिडी बैंक खाते में देने की तैयारी है।