हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए भूमि तबादला नीति लागू होगी। विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में वन सरंक्षण कानून के तहत प्रदेश सरकार प्रस्ताव लाएगी और इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ की मांग पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसे लेकर आश्वासन दिया है। शनिवार को पूर्व विधायक और सेब उत्पादक संघ के संयोजक राकेश सिंघा और किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से वन अधिकार कानून के तहत किसानों के कब्जे नियमित करने के लिए रास्ता निकाले का भी आग्रह किया।
बीते दो सालों में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश के हजारों किसान-बागवानों की कृषि भूमि तबाह हो गई है। बाढ़ और बादल फटने सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण खेत बहने और बगीचे तबाह होने से प्रभावित किसानों-बागवानों को भूमि तबादला नीति के तहत अन्यत्र स्थान पर कृषि के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। हिमाचल में 1980 से पहले भी भूमि तबादला नीति लागू थी। जिला उपायुक्त अपने क्षेत्रों में ऐसे मामलों की पड़ताल कर सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद प्रदेश सरकार प्रभावितों को कृषि के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के करीब डेढ़ लाख लोगों को भूमि तबादला नीति लागू होने से लाभ मिलेगा।
राकेश सिंघा और डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि हिमाचल में कृषि भूमि से बेदखली के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेशों में जिला कलेक्टर, वन विभाग के डीएफओ और मंडलीय कमिश्नर की ओर से अपनाए गए तरीके पर सवाल उठाते हुए इसे रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार को सौंपे गए 6 सूत्री मांगपत्र में वन अधिकार कानून के तहत किसानों द्वारा किए गए कब्जों को नियमित करने के लिए बीच का रास्ता निकाले का आग्रह किया गया है। साल 2002 में भाजपा सरकार के समय अतिरिक्त जमीन को नियमित करने के लिए सरकार ने आवेदन मांगे थे। इस दौरान 1.67 लाख आवेदन सरकार को मिले थे। सरकार ने लघु और सीमांत किसानों को राहत देने का आश्वासन दिया था। इस मामले में प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार से मांग उठा कर प्रभावितों को राहत दी जाए। इस मौके पर सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर, प्रोफेसर राजेंद्र चौहान और संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान भी मौजूद रहे।
विधानसभा सत्र में लाएंगे प्रस्ताव
आगामी विधानसभा सत्र में वन संरक्षण अधिनियम में राहत के लिए प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिससे प्रदेश में आपदा प्रभावितों और अन्य लोगों को राहत दी जा सके