हिमाचल प्रदेश सरकार हिमाचल में अब रियल इस्टेट, उद्योगों, होटल और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के निर्माण के लिए अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य करने जा रही है। बिना एनओसी के व्यवसायिक गतिविधियों का नक्शा पास नहीं होगा। अभी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से अंडर टेकिंग लेकर नक्शे को स्वीकृति दी जा रही है। हिमाचल में आग की घटनाएं हो रही हैं। कई लोग मौत का ग्रास बन रहे हैं। इसके देखते हुए सरकार ने टीसीपी नियमों में संशोधन करने का फैसला लिया है। विभाग ने इसकी फाइल मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेज दी है।
नक्शा पास करने से पहले टीसीपी के अधिकारी अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों के साथ मौके का मुआयना करेंगे। उद्योगों और होटलों में अगर आग लग जाती है तो उकैसे बचा जा सकता है। इसको लेकर भवन में घटना से बचने के लिए यंत्र और दीवारों में पाइप लाइन बिछाई होनी जरूरी होगी। इसके अलावा पानी का टैंक भी होना अनिवार्य किया जा रहा है। यह सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही अग्निशमन विभाग एनओसी जारी करेगा। अधिकारियों की ओर से अगर गलत एनओसी जारी किया जाता है तो इसमें टीसीपी और अग्निशमन विभाग के जिम्मेवार होगा। टीसीपी के निदेशक कमलकांत सरोच ने बताया कि पहले एनओसी भवन की कंप्लीशन के साथ लिया जाता था, अब प्रोसेसिंग फीस के साथ पहले ही एनओसी लिया जाएगा।
बद्दी, परवाणू में अधिक हो रहीं घटनाएं
हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, परवाणू में आए दिन आग की घटना होती हैं। प्रफ्यूम की फैक्टरी में आग लगने से महिलाओं की मौत हो चुकी है जबकि कई ने मशक्कत के बाद अपनी जान बचाई। कई दिनों तक फैक्टरी में पड़े कैमिकल में आग लगती रही। इसके साथ ही काठा में भी एक उद्योग में आग लगी इसमें करोड़ों के पंखे जल गए। मजदूरों ने उद्योगों से बाहर दौड़कर अपनी जान बचाई थी। वहीं परवाणू के मोरपिन में भी आग लगने से मजदूर झुलस गए थे। बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ में आए दिनों आग लगती रही है। इसके अलावा कुल्लू, मनाली के होटलों में भी आग की घटना हुई हैं।