ठंड और कमजोरी से गई गोवंश की जान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, मृ.त मिले थे इतने गोवंश…

himachal pradesh cattle died in a Gaushala in Una due to cold and lack of fodder

जिला ऊना जोल क्षेत्र की चौकी खास पंचायत के कैंट गांव में सारांश गर्ग फाउंडेशन की गोशाला में ठंड और कमजोरी से की वजह से ही सात गोवंश की मौत हुई थी। इसका खुलासा मृत गोवंश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है। गोशाला में मृत मिले गोवंश का पोस्टमार्टम डॉ. अमित और उनकी टीम ने किया है। उधर, गोशाला संचालक ने सर्द हवाओं से गोवंश को बचाने के लिए शेड को तिरपाल से ढक दिया है।

कैंट गांव में सारांश गर्ग फाउंडेशन की गोशाला में गोवंश की मौत होने और बेहद गंभीर हालत में होने का मामला अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है। मीडिया से सूचना मिलने के बाद एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल ने भी रविवार देर शाम को गोशाला का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने गोशाला की अव्यवस्था के बारे में पूछताछ की। साथ ही पशुपालन विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।

सोमवार सुबह पशु चिकित्सकों की टीम ने गोशाला पहुंचकर मृत गोवंश के शवों को उठाया। बीमार और घायल गोवंश का इलाज किया। पशु चिकित्सक डॉ. अमित ने बताया कि मृत गोवंश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी मौत ठंड, कमजोरी और पोषण की कमी से हुई। उन्होंने कहा कि गोशाला में करीब छह गोवंश की हालत गंभीर है, उनका उपचार जारी है।

डॉ. अमित ने कहा कि गोशाला में गोवंश सर्दी की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन सरकार प्रति गोवंश 700 रुपये की सहायता देती है, जो पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, सड़क हादसों में घायल गोवंश भी गोशालाओं में छोड़े जा रहे हैं, जिनका इलाज महंगा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इतने दुर्गम स्थान पर गोशाला क्यों बनाई गई, इस पर किसी के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।

संचालक ने स्वीकारी असुविधाओं की बात
सोमवार को गोशाला के संचालक कृष्ण गोपाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्वीकार किया कि गोवंश के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। वहां न पानी की व्यवस्था है और न बिजली की। रोजाना टैंकर से पानी मंगवाया जाता है। चारा कुतरने के लिए बिजली नहीं है। ऐसे में साबुत मक्की के डंठल ही डाल दिए जाते हैं। सोमवार को पशुओं को तुड़ी और हरा चारा भी दिया। कृष्ण गोपाल ने कहा कि गोशाला में चहारदीवारी के निर्माण के लिए धनराशि नहीं है।

कैंट गोशाला का रविवार शाम को निरीक्षण किया है। व्यवस्थाओं को लेकर खामियां मिली हैं। पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों से बातचीत की गई। साथ में गोशाला संचालक से भी पूछताछ हुई है। कैंट गोशाला की स्थिति में जल्द सुधार लाया जाएगा

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