हिमाचल में कश्मीर के रोग ग्रस्त सेब सहित अन्य फलों के पौधे और पालटियां पहुंचनी शुरू हो गई हैं। ट्रकों और पिकअप गाड़ियों में पौध हिमाचल पहुंच रही है। बिना क्वारंटीन प्रक्रिया के बाजार में बिक रही कश्मीर की पौध से 025 एप्पल लीफ ब्लॉच, स्कैब, अल्टरनेरिया और मार्मोनिना जैसी गंभीर बीमारियां फैलने का डर है। जागरुकता नहीं होने से कुछ बागवान भी इन पौधों को खरीद रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में कश्मीर से गैर कानूनी तरीके से सेब नर्सरियों की पौध पहुंच रही है। अवैध पौध के सप्लायर नर्सरी एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर पहुंच रही सेब की पौध से वायरस आने का खतरा बढ़ गया है।
गैर कानूनी तरीके ने सेब की पौध गैर कानूनी तरीके से बेचने पर कैद और जुर्माने का प्रावधान है। लंबे समय तक चली सूखे जैसी स्थिति के बाद बारिश और बर्फबारी हुई तो अब राज्य के सेब बागवानों ने पौधरोपण शुरू कर दिया। सरकार की ओर से उपलब्ध करवाए जा रहे पौधों के अलावा बागवान बाजार में बिक रहे जम्मू कश्मीर से लाए पौधे भी खरीद रहे हैं। बिना क्वारंटीन के इन पौधों को बेचा जा रहा है। कश्मीर की सेब पौध में एप्पल लीफ ब्लॉच रोग के लक्षण भी पाए जा चुके हैं। यह रोग कश्मीर के शोपियां, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में भारी तबाही मचा चुका है।
नए पौधों से बीमारियां बगीचे में लगे स्वस्थ पौधों में भी फैलने का खतरा है। सरकार के पास पंजीकृत नर्सरियों के 25 लाख पौधे हर साल बागवानों को उपलब्ध करवाए जाते हैं। प्रदेश में 550 पंजीकृत नर्सरियां हैं। करीब 480 निजी और 67 विभागीय नर्सरियां हैं। बागवानी विश्वविद्यालय नौणी भी सालाना डेढ़ लाख पौधे बागवानों को उपलब्ध करवाता है। बावजूद इसके कुछ बागवान सड़कों पर बिकने वाली अवैध पौध खरीद कर अपने बगीचों में लगा देते हैं जिससे पूरे बगीचे बीमारियों की चपेट में आने का खतरा रहता है।
उप निदेशकों को पौध नष्ट करने के निर्देश: विनय
विभाग के निदेशक विनय सिंह ने कहा कि उप निदेशकों को कश्मीर सहित बाहरी राज्यों से लाई जा रही पौध का निरीक्षण कर इसे नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। बिना क्वारंटीन पौधों से बीमारियां फैलने का डर है। बागवानों को भी जागरूक होने की जरूरत है, गैर पंजीकृत नर्सरियों के पौधे बगीचों में लगाने से बड़ा नुकसान हो सकता है।