हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया। मंत्रिमंडल ने राष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को सराहा। मंत्रिमंडल ने कहा कि डॉ. सिंह की दूरदर्शिता और सहयोग के कारण राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं साकार हुईं। इनमें अटल सुरंग, तीन मेडिकल कॉलेज, नैरचौक में ईएसआईसी अस्पताल, आईआईटी मंडी, आईआईआईटी ऊना, केंद्रीय विश्वविद्यालय और कांगड़ा में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को मंजूरी दी।
बीपीएल चयन के लिए अप्रैल में फिर से सर्वेक्षण होगा
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी व यादविंद्र गोमा ने दी। नेगी ने कहा कि बीपीएल पात्रों के चयन के लिए अप्रैल में फिर से सर्वेक्षण होगा। बीपीएल को लेकर केंद्र की ओर से निर्धारित 2.82 लाख का कोटा उतना ही रहेगा, लेकिन इसके मापदंड बदले जाएंगे। कहा कि बीपीएल के लिए आय 1.50 लाख रुपये करने का फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल ने बीपीएल सूची में उन परिवारों को शामिल करने को मंजूरी दी, जिनमें 18 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई वयस्क सदस्य नहीं है, जिन परिवारों की मुखिया महिलाएं हैं, जिन परिवारों का मुखिया 50 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग है, जिन परिवारों ने पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है तथा जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों या किसी अन्य स्थिति से पीड़ित हैं, जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो जाती है।
नशे से निपटने के लिए विशेष कार्य बल
मंत्रिमंडल ने एक व्यापक, बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने तथा नशीली दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध नेटवर्क को नष्ट करने के लिए एक विशेष कार्य बल की स्थापना को भी मंजूरी दी। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1 ए में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया है। इस संशोधन से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118(2)(एच) के अंतर्गत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेनदेन पर राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से 12 प्रतिशत की एक समान स्टांप शुल्क दर लगाने में सक्षम हो जाएगा।
पेड़ कटान पर रोक
बैठक में सफेदा, पॉपुलर और बांस को छोड़कर अन्य प्रजातियों के पेड़ों के कटान पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया। साथ ही दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार बिक्री के लिए खैर के पेड़ों के कटान पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राज्य के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले आम आदमी की शिकायतों के निवारण के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90:10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने का अनुरोध दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है। वैकल्पिक रूप से इसने अंतरराज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा।
पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाएं ऊर्जा विभाग को
मंत्रिमंडल ने 5 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ हरित हाइड्रोजन, बायोमास और पंप स्टोरेज परियोजनाओं के आवंटन और निगरानी का कार्य ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है। नालागढ़ में 1 मेगावाट की हरित हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना को भी मंजूरी दी, जिसका क्रियान्वयन एचपीपीसीएल द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने पंप स्टोरेज परियोजनाओं के लिए हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने को भी मंजूरी दी। परियोजना के चालू होने के बाद पहले 10 वर्षों के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति वर्ष का शुल्क लगाया जाएगा, जो उसके बाद बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति वर्ष हो जाएगा।
तारा देवी मंदिर के आसपास का क्षेत्र ग्रीन एरिया में
मंत्रिमंडल ने वैट, सीएसटी, प्रवेश कर आदि जैसे अधिनियमों के अंतर्गत लंबित मामलों, मुकदमों और बकाया राशि के निपटान के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना 2025 शुरू करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की। पर्यावरण संरक्षण तथा हरित पट्टी में मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम करने के लिए मंत्रिमंडल ने शिमला जिले में तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र के दायरे में लाने का निर्णय लिया।
जेओए आईटी के 10 पद भरेंगे, ग्रुप सी पदों के लिए होगी कंप्यूटर आधारित परीक्षा
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग शिमला के लिए कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के 10 पदों को सृजित करने तथा भरने का निर्णय लिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप सी पदों की भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करने के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सीडैक) को चुनने का निर्णय लिया गया। लोगों की सुविधा के लिए कांगड़ा जिले में उप तहसील पंचरुखी को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने का भी निर्णय लिया गया।
तीन नई उप तहसील खोलने का निर्णय
बैठक में शिमला जिले के धमवाड़ी, चंबा जिले के साहो तथा कांगड़ा जिले के चचियां में आवश्यक पदों के सृजन व भरने सहित नई उप तहसीलें खोलने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिले में मौजूदा ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय शिलाई को विभाजित करके ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय रोहनाट के निर्माण को मंजूरी दी। बैठक में विकास खंड लंबागांव की तीन ग्राम पंचायतों मटयाल, कुडल और धड़ोल को कांगड़ा जिले के विकास खंड बैजनाथ में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि इन क्षेत्रों के निवासियों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने बद्दी-बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण भूमि पूलिंग नीति-2025 को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है, ताकि डोमेन-विशिष्ट निकायों से डेटा एकत्र किया जा सके, नए डेटाबेस विकसित किए जा सकें और व्यापक जल संबंधी जानकारी का प्रसार किया जा सके। मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के भौलार में राथल जातर मेला को जिला स्तरीय मेला घोषित करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल की उपलब्धियों को किया याद
मंत्रिमंडल ने इस बात का भी उल्लेख किया गया कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल परिवर्तनकारी रहा। सूचना का अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, आधार की शुरूआत, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और 72 लाख किसानों की ऐतिहासिक ऋण माफी जैसी उनकी पहलों को मील के पत्थर के रूप में रेखांकित किया गया। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को भारत के लिए स्थायी लाभ वाली रणनीतिक उपलब्धि के रूप में सराहा गया। केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को आर्थिक संकट से उबारने और आर्थिक सुधारों की मजबूत नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने भारत के वित्तीय परिदृश्य को नया रूप दिया।