जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की अदालत ने नेस्ले इंडिया लिमिटेड कंपनी को उपभोक्ता को नौ फीसदी ब्याज के साथ 14 रुपये देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा कंपनी उपभोक्ता को 50 हजार रुपये मुआवजा, जबकि मुकद्दमेबाजी के लिए भी 10 हजार रुपये देगी। साथ ही कंपनी को 50 हजार रुपये जिला उपभोक्ता कानूनी सहायता कोष में भी जमा करवाने के आदेश दिए हैं। आयोग ने यह फैसला पीयूष अवस्थी निवासी गांव एवं डाकघर थंडोल तहसील पालमपुर जिला की शिकायत को स्वीकार करते हुए सुनाया है।
पीयूष ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्होंने पालमपुर के होल्टा स्थित सीएसडी कैंटीन से 9 जुलाई, 2023 को मैगी के छह पैकेट खरीदे। इन पैकेटों पर एक्सपायरी तिथि जनवरी, 2024 दर्शाई गई थी। उपभोक्ता ने 25 अगस्त, 2023 को जब मैगी के पैकेट को खोला तो एक में जिंदा कीड़े मिले, जिसकी शिकायत उन्होंने नेस्ले इंडिया को ई-मेल के माध्यम से भेजी। इसके बाद कंपनी ने शिकायतकर्ता को ईमेल के माध्यम से जवाब दिया और शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया कि वह एक प्रतिनिधि से शिकायतकर्ता से संपर्क करने और व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने का अनुरोध करेंगे। इसके बाद एक प्रतिनिधि ने मामले को सुलझाने और नूडल्स की गुणवत्ता की जांच करने को शिकायतकर्ता से संपर्क किया और सद्भावना के तौर पर नेस्ले इंडिया से मैगी का एक गुडी बॉक्स भेजने का वादा किया। लेकिन, दो महीने बीत जाने के बाद भी नेस्ले इंडिया ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही शिकायतकर्ता को कोई जवाब दिया।
इसके बाद उपभोक्ता ने इसकी शिकायत उपभोक्ता आयोग में कर दी। आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस के बाद कंपनी के वकील ने आरोपों को निराधार बताया। वहीं, उपभोक्ता आयोग ने शिकायत को मंजूर करते हुए नेस्ले इंडिया लिमिटेड नेस्ले हाउस जैकरांडा मार्ग एम ब्लॉक डीएलएफ सिटी फेज-2 राष्ट्रीय राजमार्ग-8 गुरुग्राम और नेस्ले इंडिया लिमिटेड वीपीओ नांगल कलां औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल जिला ऊना शिकायतकर्ता को शिकायत की तिथि से लेकर उसके समाधान तक 9 फीसदी प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित 14 रुपये देने के आदेश दिए। इसके अलावा शिकायतकर्ता को 50,000 रुपये का मुआवजा और मुकदमेबाजी के लिए 10,000 रुपये देने को कहा।