देश की नींव मजबूत कर रहे देवभूमि के लाल, विस्तार से जानिए और गर्व कीजिए हिमाचली होने पर

देश की आर्थिक राजधानी से मशहूर मुंबई पर 26/11 को हुए आतंकी हमले से पूरा देश दहल गया था। उस समय आतंकियों का सफाया करने वाले सुरक्षा दल का नेतृत्व हिमाचल के सपूत ब्रिगेडियर गोविंद सिंह सिसोदिया ने किया था। ब्रिगेडियर गोविंद सिंह सिसोदिया मूल रूप से चौपाल क्षेत्र के निवासी हैं। मुंबई में वर्ष 2008 में हुए 26/11 आतंकी हमलों के बीच आतंकवादियों का सफाया करने के लिए ‘ऑपरेशन ब्लैक टोरनेडो’ को अंजाम दिया गया।

इस टीम का नेतृत्व ब्रिगेडियर सिसोदिया ने किया था। यह हमले 26 नवंबर को शुरू हुए और 29 नवंबर तक चले। इसमें 166 मासूम लोगों की जान गई थी और करीब 300 लोग घायल हुए थे। 29 नवंबर को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने होटल ताज में हमलावरों का सफाया किया था। ब्रिगेडियर सिसोदिया उस समय अपनी टीम को मानेसर से मुंबई ले गए। होटल ताज में आतंकियों से निपटने के साथ ही करीब 600 कमरों में फंसे निर्दोष लोगों को भी बचाना बड़ी चुनौती थी। ब्रिगेडियर सिसोदिया की टीम ने जान पर खेलकर होटल ताज ओबेरॉय व नरीमन प्वाइंट से आतंकवादियों को मार डाला।  ब्रिगेडियर सिसोदिया श्रीलंका में भी रह चुके हैं। उन्हें 26/11 के आपरेशन को लीड करने के लिए विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुका है।

कर्तव्य पथ पर कांगड़ा मूल के नवजोत सिंह अटवाल के नेतृत्व में दौड़ेगा भीष्मा टैंक
आज गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर कांगड़ा मूल के कै. नवजोत सिंह अटवाल के नेतृत्व में भीष्मा टैंक दौड़ेगा। भारत में ही बने इस टैंक को कर्तव्य पथ पर दौड़ाने की जिम्मेदारी उन्हें मिली है। नवजोत सिंह को मिली इस जिम्मेदारी से जहां परिवार में खुशी का माहौल है, वहीं उनके पैतृक गांव जन्यानकड़ के लोग भी खुश हैं। नवजोत सिंह अटवाल के पिता मान सिंह अटवाल भारतीय रेल विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि माता संजीवन कौर गृहिणी हैं।

मौजूदा समय में नवजोत का परिवार पंजाब के कपूरथला में रहता है। उनकी पढ़ाई भी कपूरथला से ही हुई है। नवजोत के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने 2016 में एनडीए टेस्ट पास किया था। इसके बाद ट्रेनिंग के बाद वह 2020 में आईएमए देहरादून से पासआउट होकर भारतीय सेना के आर्म्ड 75 में तैनात हुए थे। मान सिंह अटवाल ने बताया कि उनके पिता करतार सिंह अटवाल और माता सावित्री देवी जिला कांगड़ा के दौलतपुर के साथ लगते जन्यानकड़ पंचायत में रहते थे। मान सिंह ने बताया कि उनके बेटे को आधुनिक भीष्मा टैंक-टी-90 का कर्तव्य पथ पर संचालन करवाने की मिली जिम्मेदारी से वह और उनका परिवार खुश है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं अपने परिवार के साथ दिल्ली में इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेंगे। 

गणतंत्र को सहेजने में 82 वर्षीय प्रधान की पहल, पंचायत को बना दिया नशामुक्त
82 वर्ष की आयु में लोकतंत्र को सहेजने में योगदान दे रहे लंबलू पंचायत के प्रधान करतार सिंह चौहान युवाओं के लिए प्ररेणा का स्रोत बने हैं। उनकी ओर से पंचायत में पिछले डेढ़ वर्ष से शुरू किए अभियान में दो दर्जन से अधिक व्यक्ति नशा छोड़ चुके हैं। प्रधान की ओर से नशे के आदि लोगों की काउंसलिंग कर उसे नशा छोड़ने की शपथ दिलाई जा रही है। पंचायत के सात वार्डों में 3000 के करीब आबादी है।

प्रधान करतार सिंह चौहान शिक्षा विभाग में शिक्षा उपनिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। प्रधान ने पंचायत में नशे पर रोक के लिए प्रत्येक वार्ड में वार्ड स्तर और पंचायत स्तर की नशा मुक्त कमेटियां बनाई हैं। कमेटियों में महिला मंडल की प्रधानों को अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों को सचिव नियुक्त किया है, जो प्रत्येक माह वार्डों की मॉनिटरिंग कर नशे की रिपोर्ट तैयार कर प्रधान के पास देती हैं। पंचायत के सात वार्डों में धूम्रपान मुक्त परिवार को आदर्श परिवार के नाम से सम्मानित किया जा रहा है। कमेटियों का जिम्मा संभालने वाली महिलाएं घर-घर जाकर घर की महिलाओं से संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर ले रही हैं कि उनके घर में कोई भी व्यक्ति धूम्रपान और अन्य नशा नहीं करता है। संकल्प पत्र पंचायत भवन कार्यालय में जमा करवाने के बाद प्रधान की ओर से आम सभा सहित अन्य कार्यक्रमों में ऐसे परिवारों को सम्मानित किया जा रहा है। 

बुधराज : भूस्खलन में एक बच्चे समेत बचाए थे तीन लोग 
बुधराज 24 अगस्त 2012 को स्वयंसेवक के रूप में होमगार्ड में शामिल हुए और 16 फरवरी 2019 को प्लाटून कमांडर के रूप में पदोन्नत हुए। 2013 में किन्नौर के चगांव गांव में भूस्खलन से एक घर दब गया था, जिसमें चार लोग मारे गए और एक बच्चा जीवित बचा था। बुध राज अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और सभी शवों को बाहर निकाला और बच्चे को सुरक्षित बचाया। उन्हें कमांडेंट किन्नौर की ओर से प्रशस्ति प्रमाणपत्र दिया गया। 25 अक्तूबर 2019 को एसडीएम काजा के कार्यालय में लगी आग को बुझाने में बुध राज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इन्हें एसडीएम द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

11 अगस्त 2021 को निगुलसरी में बड़ा भूस्खलन हुआ और कई लोग मलबे में दब गए। बुध राज ने अपनी टीम के साथ आठ शवों को निकाला और दो लोगों को बचाया। उन्हें महानिदेशक होमगार्ड द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 9 जुलाई 2023 से 12 जुलाई 2023 के दौरान 20 पर्यटक और चरवाहे कारा जिला किन्नौर में फंसे हुए थे। बुध राज ने अपनी टीम के साथ सभी व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला। इस कार्य के लिए उन्हें जिला प्रशासन ने प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इन उपलिब्धयों के लिए बुधराज को सराहनीय सेवाओं के लिए होम गार्ड्स सिविल डिफेंस राष्ट्रपति पदक से सम्मानित करने की सिफारिश की गई है।

दिनेश कुमार : भूस्खलन के बाद बचाव कार्य में रही अहम भूमिका
कंपनी कमांडर दिनेश कुमार ने 1993 में हिमाचल प्रदेश होमगार्ड संगठन में स्वयंसेवक के रूप में अपनी सेवा शुरू की। विभागीय पाठ्यक्रमों और कर्तव्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इन्हें सेक्शन लीडर से प्लाटून कमांडर और 2016 में कंपनी कमांडर के पद पर पदोन्नति किया गया। कंपनी कमांडर दिनेश कुमार ने मंदिर सुरक्षा, पुलिस स्टेशन ड्यूटी, यातायात प्रबंधन, चुनाव ड्यूटी और आपदा प्रतिक्रिया संचालन सहित अन्य जिम्मेदारियां निभाई। अपने शिक्षण कौशल और अनुभव के साथ उन्होंने राज्य स्तरीय केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षक के तौर पर योगदान दिया।

आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षक के तौर पर इन्हें विशेष महारत हासिल है। इनकी प्रशासनिक और रसद संबंधी कुशलता के लिए इन्हें कई सम्मान मिले हैं। अगस्त 2023 में दिनेश कुमार ने शिव बावड़ी मंदिर समरहिल शिमला में बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद 20 शवों को निकालने के लिए एक लंबे अभियान में होमगार्ड और सीडी टीम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था। कंपनी कमांडर दिनेश कुमार को उनकी बेदाग सेवा और समर्पण के लिए गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर सराहनीय सेवाओं के लिए होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा राष्ट्रपति पदक से सम्मानित करने की अनुशंसा की गई 

ठाकुर दास : थलोट बस हादसे में यात्रियों को बचाया, कोरोना महामारी में दीं उल्लेखनीय सेवाएं
स्टेशन फायर ऑफिसर मंडी ठाकुर दास 5 दिसंबर 1988 को अग्निशमन सेवा विभाग में बतौर फायरमैन नियुक्त हुए थे। इन्होंने अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र बल्देहा से लीडिंग फायरमैन कोर्स, 2007 में सब ऑफिसर्स कोर्स और 2019 में नेशनल फायर सर्विसेज कॉलेज नागपुर से स्टेशन ऑफिसर्स कोर्स उत्तीर्ण किया। मार्च 2018 में इन्हें सब फायर ऑफिसर के पद पर पदोन्नत कर फायर स्टेशन पालमपुर, 2022 में स्टेशन फायर ऑफिसर के पद पर पदोन्नत कर फायर स्टेशन कुल्लू में तैनात किया गया।

1998 में हिमाचल दिवस के अवसर पर उपायुक्त मंडी ने उन्हें थलोट जिला मंडी के पास ब्यास नदी में गिरी बस से यात्रियों को बचाने के लिए प्रशंसापत्र प्रदान किया था। कोविड-19 महामारी के दौरान ठाकर दास को उनकी उल्लेखनीय सेवा के लिए उपमंडल मजिस्ट्रेट पालमपुर, अध्यक्ष एनजीओ परिवर्तन और अध्यक्ष संयुक्त व्यापार मंडल पालमपुर द्वारा प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए थे। 1 अगस्त 2024 को राजबन, बरोट, जिला मंडी में बाढ़ के कारण दो मंजिला इमारत ढह गई थी, जिसमें 10 लोग मलबे में दब गए थे और ठाकुर दास द्वारा अपने चालक दल के सदस्यों की मदद से शवों को बाहर निकाला गया था। 36 साल के बेदाग सेवा रिकॉर्ड, पेशेवर कौशल, कर्तव्य के प्रति समर्पण को ध्यान में रखते हुए ठाकर दास को उत्कृष्ट सेवा के लिए अग्निशमन सेवा पदक के लिए अनुशंसित किया गया गया है। 

चौपाल के रितिक चौहान ने सोलन में ट्रेन की चपेट में आने से बचाई थीं दो बच्चियां
चौपाल क्षेत्र के गगना गांव निवासी रितिक चौहान पुत्र जगदीश चौहान को दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तम जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने दो बच्चियों की जान बचाई थी। जानकारी के अनुसार, सोलन के वार्ड नंबर 13 क्लीन के समीप रेलवे ट्रैक पर दो छोटी बच्चियों को बचाते हुए रितिक ट्रेन की चपेट में आ गए थे। इस वजह से उसके दोनों पैरों में चोट आई। चोटें इतनी गम्भीर थीं कि पीजीआई में युवक का पैर काटना पड़ा। रितिक उस समय सोलन के देहूंघाट में एक निजी कंपनी में काम करते थे। रितिक को सम्मानित करने को लेकर क्षेत्र में खुशी की लहर है।

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