
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है। इसका उदाहरण सिरमौर में देखने को मिला। पच्छाद क्षेत्र के गलानाघाट पीएचसी में दाई के पद पर तैनात महिला कर्मचारी के दर्जी पति पर उसकी अनुपस्थिति में दवाइयां देने और इंजेक्शन लगाने का आरोप है।
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हैरानी इस बात की है कि पति पीएचसी में टेलरिंग की दुकान भी चला रहा है। मामले में दाई के पति के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की गई है। आरोप हैं कि दाई के पति ने एक बच्चे को इंजेक्शन लगाया। इससे बच्चे को रिएक्शन हो गया। तबीयत खराब होने पर परिजन सीएमओ से मिले और मामले की शिकायत की।
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ग्रामीण जीत सिंह, सुमन देवी, मदन सिंह, रामेश्वर शर्मा और रमेश सिंह ने बताया कि गलानाघाट पीएचसी में कार्यरत दाई का पति पीएचसी भवन के भीतर ही टेलरिंग की दुकान चलाता है और मरीजों को दवाइयां देता है और इंजेक्शन भी लगाता है। इस कारण पहले भी कई बच्चों को रिएक्शन हुआ। इसकी शिकायत सीएमओ सिरमौर और बीएमओ पच्छाद को भी की है।
जीत सिंह ने बताया कि उनके बेटे के हाथ में चोट लगी थी। प्राथमिक उपचार करने के लिए पीएचसी गलानाघाट पीएचसी पहुंचे। पीएचसी में न डॉक्टर और न ही दाई के पद पर कार्यरत महिला उपस्थित थी। इस दौरान दाई के पति ने इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाने के बाद हाथ में रिएक्शन हो गया। इसके बाद उन्होंने डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में जाकर अपना उपचार करवाया।
बीएमओ पच्छाद डॉ. पुनीत शर्मा ने बताया कि उनके पास गलानाघाट पीएचसी में दाई के पति की शिकायत आई है कि वह पीएचसी के भीतर टेलरिंग की दुकान चलाता है। दवाई और इंजेक्शन भी लगाता है। उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए हैं, यदि दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी।