सूखे जैसे हालात से फरवरी में ही गहराने लगा पेयजल संकट, जल स्त्रोतों में घट गया 20 से 30 फीसदी पानी

 

Drought like conditions: 20 to 30 percent water in water sources in Himachal decreased

हिमाचल प्रदेश में पेयजल स्रोतों में 20 से 30 फीसदी पानी घट गया है। सूखे जैसे हालात के चलते फरवरी माह में ही पेयजल संकट गहराने लगा है। जल स्रोतों में पानी घटने से प्रदेश के कई क्षेत्रों में पानी की किल्लत पेश आने लगी है। सर्दी के मौसम में अच्छी बारिश और बर्फबारी नहीं होने से पानी की किल्लत पेश आनी शुरू हो गई है। शिमला जिले के रामपुर में पेयजल संकट गहराना शुरू हो गया है। रामपुर उपमंडल में फरवरी माह में ही पेयजल स्रोतों में करीब 40 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। आनी उपमंडल के दलाश में पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीणों को चार से छह दिन बाद पेयजल आपूर्ति मिल रही है। पेयजल स्रोतों में करीब 25 प्रतिशत तक की कमी आ गई है।

जल शक्ति विभाग रामपुर के एसडीओ बीरबल मोदी का कहना है कि रामपुर के ग्रामीण इलाकों के पेयजल स्रोतों में करीब 40 प्रतिशत तक की कमी आई है। विभाग ने छोटी-बड़ी पेयजल योजनाओं को आपस में जोड़ा है, जिसके चलते अब तक पेयजल किल्लत की कोई समस्या नहीं है। आने वाले दिनों में भी सूखे की स्थिति रही तो मार्च में ही पेयजल किल्लत की समस्या पेश आ सकती है। शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में पानी की किल्लत से परेशान लोगों ने गुरुवार को उपमंडल अधिकारी का ही घेराव कर दिया और घंटों नारेबाजी की। सोलन जिले के धर्मपुर में डगरोह पेयजल योजना में पानी कम हो गया है, जिससे पानी की लिफ्टिंग प्रभावित हो रही है। धर्मपुर क्षेत्र को गिरि परियोजना का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।  

बिलासपुर जिले में पर्याप्त बारिश नहीं होने से नदी और खड्डों में जल प्रवाह कम हआ है। हालांकि, अभी पेयजल और सिंचाई योजनाएं प्रभावित होने की स्थिति नहीं बनी है, जिले में जनवरी के पहले सप्ताह में एक बार बारिश हुई थी। उसके बाद 4 फरवरी की रात बारिश हुई। बरसात में अच्छी बारिश नहीं होने से गोबिंद सागर झील का जलस्तर समय से पहले काफी नीचे जा चुका है। जिले की पेयजल स्कीमों का प्रमुख स्रोत अली और सीर खड्ड में भी जल प्रवाह कम हो गया है। जल शक्ति विभाग बिलासपुर सर्कल के अधीक्षक अभियंता राहुल दुबे ने बताया कि अभी पेयजल और सिंचाई योजनाओं के प्रभावित होने की स्थिति नहीं बनी है, लेकिन आने वाले समय बारिश होता जी है।

फिलहाल प्रदेश के पानी की किल्लत के अधिक मामले रिपोर्ट नहीं हो रहे हैं। स्रोतों में डिस्चार्ज जरूर कम हुआ है, लेकिन बीच-बीच में बारिश होने से जल स्तर सुधर भी रहा है। अधिकारियों को जल स्रोतों की स्थिति की कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

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